भोपाल।
नियमितीकरण की मांग को लेकर 10 दिसंबर से शाहजहांनी पार्क में आंदोलन कर रहे अतिथि विद्वानों को कमलनाथ सरकार ने बड़ी राहत दी हैं।उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लगभग 1200 पदों पर अतिथि विद्वानों की चॉइस फिलिंग की प्रक्रिया बुधवार से शुरु की जा रही है। यह प्रक्रिया छह मार्च तक चलेगी। इस संबंध में सोमवार को देर शाम विभाग चॉइस फिलिंग प्रक्रिया कैलेण्डर जारी कर दिया गया है।
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लगभग 1200 पदों पर अतिथि विद्वानों की चॉइस फिलिंग की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। यह प्रक्रिया 4 से 6 मार्च 2020 बीच संपन्न होगी।मेरिट सूची का प्रकाशन 9 मार्च को किया जाएगा। चयनित अतिथि विद्वानों को महाविद्यालयों द्वारा आमंत्रण और अतिथि विद्वानों द्वारा कार्यभार ग्रहण करने की तिथि 11 से 13 मार्च निर्धारित की गई है।
पटवारी ने बताया कि लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित सहायक प्राध्यापकों, ग्रंथपालों और क्रीड़ा अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया निरन्तर है। अत: इसे अद्यतन करते हुए अगले चरण के लिये रिक्त पदों की गणना की गई है। इसके अलावा 450 नवीन पदों के महाविद्यालयवार, विषयवार सृजन का आदेश प्रसारित होने की प्रक्रिया भी प्रचलन में है। इस प्रकार अगले चरण में लगभग 1200 पदों पर चॉइस फिलिंग के लिये कैलेण्डर जारी कर दिया है।
दरअसल, वर्तमान में लगभग 4 हजार 193 अतिथिविद्वान हैं, जिनमें से 2 हजार 529 महाविद्यालयों में कार्यरत हैं जबकि एक हजार 664 नवीन नियुक्तियों अथवा स्थानांतरण के फलस्वरूप फॉलेन आउट हैं। फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों के लिये रिक्त पदों के विरूद्ध चॉइस फिलिंग कराकर मेरिट सूची के अनुसार महाविद्यालय आवंटन प्रक्रिया लगातार जारी है। राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशानुसार यदि कोई अतिथि विद्वान आवंटित महाविद्यालय में कार्यभार ग्रहण नहीं करता तो उसे आगामी प्रक्रिया से बाहर कर दिया जायेगा। इसमें कुछ ऐसे अतिथि विद्वान भी हैं, जो निर्धारित समय-सीमा के बाद महाविद्यालयों में उपस्थित हुए हैं अथवा अग्रणी महाविद्यालयों के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालकों द्वारा एक महाविद्यालय में पद भरने के कारण दूसरे महाविद्यालयों में भेजे गये हैं। ऐसे प्रकरणों का सत्यापन किया जा रहा है, ताकि रिक्त पदों की सही स्थिति स्पष्ट हो सके। सत्यापन का दायित्व आयुक्त उच्च शिक्षा ने प्राचार्यों को दिया है।
गौरतलब है कि नियमितीकरण की मांग को लेकर अतिथि विद्वान 10 दिसंबर से शाहजहांनी पार्क में आंदोलन कर रहे हैं। सोमवार को एक और महिला अतिथि ग्रंथपाल लक्सारी दास ने मुंडन कराया। इससे पहले डॉ. शाहीन खान ने मुंडन कराया था। दास शासकीय कॉलेज बड़नगर उज्जैन में सेवाएं दे रही थीं, लेकिन दिसंबर में उन्हें बाहर कर दिया। दास कहना है कि 84 दिन हो गए हैं, लेकिन हमारी खबर लेने सरकार का कोई भी प्रतिनिधि नहीं आया। अब अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सामूहिक रूप में मुंडन कराए जाएंगे।