25 नवंबर को सोलर पावर पार्क का शिलान्यास करेंगे CM Shivraj, USHA अभियान की होगी शुरुआत

Kashish Trivedi
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पर्यावरण संरक्षण में 1500 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान होगा। इसका ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव रहेगा।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की मंशा है कि विश्व के पर्यावरण संरक्षण (environmental protection) में भारत अपना महत्वपूर्ण योगदान दे। इस मंशा के अनुरूप कार्य करते हुए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में 1500 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए सौर पार्कों के शिलान्यास और अनुबंध हस्ताक्षर किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ग्रीन एनर्जी क्लीन एनर्जी (Green energy) के क्षेत्र में सक्रियता और जन-भागीदारी को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही ऊर्जा साक्षरता अभियान का शुभारंभ भी किया जा रहा है।

सीएम शिवराज 25 नवंबर को शाजापुर में होने वाले कार्यक्रम के संबंध में निवास पर बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बिजली की बचत और ग्रीन एनर्जी क्लीन एनर्जी के प्रति जन-जन को आकर्षित करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में शाजापुर जिले की मोमन बड़ोदिया तहसील के ग्राम धतरवाड़ा में यह कार्यक्रम होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाने में सौर ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका है।

Read More: MP News: CM Shivraj 20 नवंबर को जल महोत्सव का करेंगे शुभारंभ

सीएम शिवराज द्वारा 25 नवम्बर को 1500 मेगावाट के आगर, शाजापुर, नीमच सोलर पार्क का शिलान्यास किया जाएगा। साथ ही तीन सोलर पार्क और “कुसुम अ” योजना में चयनित कृषकों के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। कार्यक्रम में ऊर्जा साक्षरता अभियान (ऊषा) का शुभारंभ भी किया जाएगा। कार्यक्रम में सौर ऊर्जा के लाभ पर केंद्रित लघु फिल्म भी प्रदर्शित की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि आगर-शाजापुर-नीमच सोलर पार्क से राज्य को सस्ती ग्रीन ऊर्जा मिलेगी तथा राज्य में रोजगार के अवसर सृजित होंगे। परियोजना से लगभग 50 लाख एमटी कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन से बचाव संभावित है, जो 25 साल में 5 करोड़ पेड़ से निकलने वाली कार्बन डाईआक्साइड के बराबर होती है।

ऊर्जा साक्षरता अभियान (ऊषा) विश्व की ऊर्जा चेतना जन-जागरण की सबसे बड़ी पहल है। अभियान में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए छात्र, ग्रहणी, व्यवसाई, किसान आदि को शामिल करते हुए जन-भागीदारी से विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जाएगी।

कुसुम योजना में किसान अपनी भूमि पर सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए इकाई स्थापित कर सकते हैं अथवा परियोजना विकास के लिए विकासकर्ताओं को भूमि पट्टे पर दे सकते हैं। कुसुम योजना किसानों की अतिरिक्त आय का स्त्रोत बन सकती है, जिससे 7 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन बचेगा, जो 25 वर्षों में 1 करोड़ 10 लाख पेड़ों द्वारा उत्सर्जित की जाने वाली कार्बन डॉइऑक्साइड के बराबर है। योजना में मार्च 2023 तक 1050 कृषि फीडर पर 2 लाख 10 हजार पंप सौर ऊर्जित होंगे, जिससे किसानों को अधिक समय के लिए बिजली की आपूर्ति भी संभव हो सकेगी।

 


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News