उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में अपने वादे के अनुरूप शिवराज सरकार(shivraj government) ने किसानों(farmers) को बड़ी राहत दी है। कार्यक्रम में हिस्सा लेने उज्जैन(ujjain) पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने आयोजित एक कार्यक्रम में फसल बीमा योजना(Crop Insurance Policy) की राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर की। वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार किसान हितेषी है और किसान और कृषि को ही केंद्र बिंदु मानती है।
दरअसल शुक्रवार को उज्जैन के कार्यक्रम से सिंगल क्लिक के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फसल बीमा भुगतान कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 22 लाख किसानों को फसल बीमा क्लेम के 4688 करोड रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की सरकार किसान हितैषी सरकार है, हमारी सरकार का केन्द्र बिंदू कृषि व किसान है। इसलिए मेरे किसान भाई चिंता न करें, परिस्थितिया चाहे कैसी भी हों सरकार हरदम आपके साथ है
सीएम शिवराज ने कहा कि हमने एक अभियान चलाया ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ अभियान। जिसमें किसान छोटा हो या बड़ा कोई भी किसान वंचित नहीं रहेगा। सभी किसानों के क्रडिट कार्ड बनाए जा रहे। दूध उत्पादक किसानों के लिए भी क्रेडिट कार्ड बनाये जा रहे हैं वहीँ सीएम शिवराज ने कहा कि अब दूध उत्पादित करने वाले किसानों के भी किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जा रहे हैं।
आगे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने ये भी तय किया है कि अगर अपनी गौशाला और पशुधन के लिए भी किसान कर्जा लेता है तो हम आगामी समय में उसके लिए भी कर्ज मुक्त ऋण देने की कोशिश करेंगे। वहीँ उन्होंने किसानों को विश्वास जताते हुए आश्वासन दिया है कि मैं आज स्पष्ट करना चाहता हूं कि कोई भी मंडी मध्यप्रदेश में बंद नहीं होगी। आपको पूरा अधिकार है कि आप अपनी फसल मंडी सहित कहीं भी बेंच सकते हैं। इसके साथ ही सीएम शिवराज ने किसानों को धन्यवाद करते हुए कहा कि मैं किसान भाइयों को प्रणाम करता हूं कि गेहूं की बंपर पैदावार की। और सरकार ने सारे रिकार्ड तोड़ते हुए 1 करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया।
हालांकि इससे पहले फसल बीमा योजना किस तिथि को लेकर प्रदेश में किसानों के बीच असंतोष का माहौल था। जिसको देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र से सिफारिश कर फसल बीमा की तिथि कुछ दिनों के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया था। जिसके बाद प्रदेश के कुछ जिलों के किसानों को इस बढ़ी हुई तिथि का लाभ दिया गया था।