उपचुनाव से पहले चर्चाओं में CM शिवराज का ट्वीट, कांग्रेस बोली-ये कैसा गठबंधन ?

Pooja Khodani
Updated on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।चुनाव आयोग (Election commission) ने बिहार विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Elections) की घोषणा कर दी है, लेकिन मप्र उपचुनावों  (MP by-elections) का ऐलान होना अभी बाकी है। 29 सितंबर को चुनाव आयोग ने इसके संबंध में बैठक बुलाई है, कभी भी आचार संहिता (Code of conduct) लग सकती है, इसके पहले मध्यप्रदेश का सियासी पारा हाई हो गया है। राजनैतिक दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो चली है। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) का एक ट्वीट चर्चा का विषय बन गया है। ट्वीट के माध्यम से जनता से अपील करते हुए सीएम शिवराज ने कोरोना की तरह कांग्रेस का सफाया करने की बात कही है।

दरअसल, शिवराज ने ट्वीट कर लिखा है कि मेरे प्रिय दोस्तों! मध्यप्रदेश, बिहार, कर्नाटक सहित देश भर में कई जगह चुनाव होने वाले है। हमें कोरोना काल को देखते हुए चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों का पूरा ध्यान रखना है।‘हाथ’ पूरी तरह ‘सैनीटाइज’ कर ‘साफ’ कर देना है। मामा के इस ट्वीट के बाद यूजर्स ने भी प्रतिक्रियाएं देना शुरु कर दिया है। कुछ शिवराज का खुलकर समर्थन कर रहे है तो कुछ ट्रोल करने भी नही चूक रहे है।

कांग्रेस का पलटवार-ये कैसा गठबंधन ?
शिवराज के इस ट्वीट पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है।कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा (Narendra Saluja) ने रिट्वीट करते हुए लिखा है कि कोरोना काल में एमपी में उपचुनाव होंगे कि नहीं,इसका फ़ैसला चुनाव आयोग 29 सितम्बर को एक बैठक में करेगा।आपको क्या चुनाव आयोग ने पहले से ही बता दिया है क्या कि एमपी में चुनाव होने जा रहे है ?ये कैसा गठबंधन ? जनता ग़द्दारों को सेनेटाइज कर भाजपा से दो गज की दूरी बना लेगी। वही कांग्रेस के प्रवक्ता और ग्वालियर-चंबल के प्रभारी केके मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा है कि शिवराज जी,पूरा प्रदेश जानता है कि पिछले साढ़े 13 सालों से “बिना सेनिटाइज किये हाथ किसने साफ़ किये हैं!” राजनैतिक,आर्थिक संक्रमण किसने,कितना,कैसे फैलाया!अब तो “हाथ” ही बिना PPE किट पहने उसे मसलकर नेस्तनाबूत करने वाला है,ताकि पूरा प्रदेश इस महामारी से हमेशा के लिये निजात पा सके।

 

https://twitter.com/NarendraSaluja/status/1309725380253605888

 


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News