सफाई पर अब एक्शन में कलेक्टर, बोले गड़बड़ी करने वाली आउटसोर्स कंपनी को करेंगे टर्मिनेट

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। शहर की सड़कों पर ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation)के आउटसोर्स सफाई कर्मचारियों (Outsourced sanitation workers)  द्वारा कचरा फेंके जाने से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) की नाराजी की भेंट चढ़े ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन (Gwalior Municipal Corporation Commissioner Sandeep Makin) के तबादले के बाद अब कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Kaushalendra Vikram Singh) सड़कों पर हैं।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) के तेवरों को भांपते हुए वे आज सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करने सुबह ही निकल गए लेकिन उन्हें जैसे ही मालूम चला कि सफाईकर्मी अनिश्चितकालीन धरना देने वाले हैं तो वे धरना स्थल पर पहुँच गए और कर्मचारियों को भरोसा दिया कि आप हड़ताल खत्म कर दो मैं आपकी समस्या को निपटाउंगा।  कलेक्टर ने कहा कि  नगर निगम में आउटसोर्स कर्मचारियों को रखने वाली कंपनी की गड़बड़ी सामने आती है तो उसे टर्मिनेट (Terminet) करेंगे और जरूरत पड़ी तो FIR भी करेंगे। कलेक्टर ने समस्या के निराकरण के लिए 10  सदस्यीय समिति बना दी जिसमें 5 सदस्य सफाईकर्मियों के होंगे और 5 प्रशासनिक अधिकारी होंगे।

शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर हमेशा चर्चा में रही ग्वालियर नगर निगम से कमिश्नर संदीप माकिन (Gwalior Municipal Corporation Commissioner Sandeep Makin) की विदाई जिस तरह से हुई उसके बाद नगर निगम सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों में डर  बैठ गया है। चर्चा ये चल पड़ी है कि सफाई व्यवस्था कहीं किसी और की बलि ना ले ले। जिसके चलते कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह  (Collector Kaushalendra Vikram Singh)आज सुबह जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों को साथ लेकर शहर में सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करने निकल गए।  निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को मालूम चला कि सात दिन से काम बंद हड़ताल कर रहे नगर निगम के आउट सोर्स सफाई कर्मचारियों ने फूलबाग पर अनिश्चित्कालीन धरने का टैंट लगा दिया तो वे खुद धरना स्थल पर पहुँच गए और सफाईकर्मियों को आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जायेगा।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....