पीयूष बबेले ने नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को दी सलाह, कहा ‘साल भर में अकेले खड़े रह जाएंगे’

कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर कहीं उन्होंने मोदी को अपनी-अपनी पार्टी का समर्थन दे दिया तो साल भर के अंदर उन्हें वह दिन देखना पड़ेगा, जब एक दिन सुबह वह उठेंगे तो उनके सारे सांसद मय पार्टी के भाजपा में शामिल हो चुके होंगे और वे निपट अकेले खड़े होंगे। शरद पवार और उद्धव ठाकरे सहित कई नेता ये दर्द झेल चुके हैं।

Piyush Babele advice to Nitish Kumar and Chandrababu Naidu : लोकसभा चुनाव के नतीजों में एनडीए सबसे बड़े गठबंधन के रूप में उभरा है और साफ हो चुका है कि केंद्र में एक बार फिर उनकी सरकार बनने जा रही है। हालाँकि इसके लिए उसे नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के समर्थन की आवश्यकता है। अब तक की स्थिति देखते हुए लगा रहा है कि सबकुछ ठीक है और एनडीए की सरकार बनने जा रही है। लेकिन इंडिया गठबंधन  भी आगे की रणनीति तय करने के लिए आज शाम एक बैठक करने जा रहा है। इस बैठक में तय होगा कि वो अपने लिए विपक्ष की भूमिका चुनेगा या सरकार बनाने के लिए प्रयास शुरु किए जाएँगे। इसी बीच कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को नसीहत भरे अंदाज़ में सलाह दी है।

‘सारे सांसद मय पार्टी के भाजपा में शामिल हो जाएंगे’

पीयूष बबेले ने एक्स पर लिखा है कि ‘आज रात में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू साहब जब सोएंगे तो उन्हें एक बात ज़रूर याद आएगी कि अगर कहीं उन्होंने मोदी को अपनी-अपनी पार्टी का समर्थन दे दिया तो साल भर के अंदर उन्हें वह दिन देखना पड़ेगा, जब एक दिन सुबह वह उठेंगे तो उनके सारे सांसद मय पार्टी के भाजपा में शामिल हो चुके होंगे और वे निपट अकेले खड़े होंगे। शरद पवार और उद्धव ठाकरे यह दर्द झेल चुके हैं। कई वर्ष तक पर्दे के पीछे से बार बार भाजपा की मदद करने वाले नवीन पटनायक आज अपने राज्य से बेदख़ल हो चुके हैं। न जाने किस अज्ञात दबाव में भाजपा से डरने वाली मायावती जी भारत की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी से शून्य पर पहुँच चुकी है।’

सावधान रहने की सलाह

उन्होंने कहा कि ‘कभी पंजाब में दबदबा रखने वाले भाजपा के लंबे समय से गठबंधन सहयोगी रहे अकाली आज एक सीट पर सिमट गए हैं। भाजपा की सोहबत में रह कर कभी तमिलनाडु की बहुत बड़ी शक्ति होने वाली जयललिता की पार्टी आज मृतप्राय हो चुकी है। हरियाणा में कुछ साल पहले नई शक्ति के तौर पर उभरी जजपा एक ही बार भाजपा के मोहपाश में फँसी और राजनीतिक रसातल में पहुँच गई। भाजपा के साथ कश्मीर में सरकार चलाने वाली महबूबा मुफ़्ती की पार्टी का आज कुछ पता नहीं है। और ख़ुद नीतीश कुमार जी बिहार की सबसे बड़ी शक्ति से घटकर विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी बन गए थे। भाजपा से पुराने रिश्तों के कारण ही चंद्रबाबू नायडू एक ज़माने में आँध्र प्रदेश के सर्वोच्च नेता से घटते घटते ग़ायब हो गए थे और फिर क़िस्मत से वापस आए हैं। ममता बनर्जी ने समय रहते भाजपा से अपना संबंध ख़त्म कर दिया था और वे आज भी शान से बंगाल की मुख्यमंत्री है। इसलिए हे पार्थ, सावधानी हटी, दुर्घटना घटी।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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