भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में 28 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र (winter session) को रद्द कर दिया गया है। बताया गया है कि शीतकालीन सत्र पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा था। जहां सत्र शुरू होने से पहले तीन विधायक सहित 34 कर्मचारी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव (corona psoitive) आई थी। अब इस मामले में जयवर्धन सिंह ने शिवराज सरकार (shivarj government) पर निशाना साधा है।
दरअसल जयवर्धन सिंह (jaivardhan singh) ने ट्वीट करते हुए शीतकालीन सत्र रद्द करने की सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा है कि 34 कर्मचारी के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी बिल्कुल ही गलत है। वहीं इस मामले में उन्होंने प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा (rameshwar sharma) से इस पर सफाई देने की मांग की है।
जयवर्धन सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मध्यप्रदेश विधानसभा के 14 कर्मचारियों का कारण संक्रमित होने की जानकारी बिल्कुल असत्य है। विधानसभा के 8 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिसमें सचिवालय के 4 कर्मचारी, तीन विधायक और एक विधायक के पति की रिपोर्ट संक्रमित पाई गई थी। राधौगढ़ विधायक ने शिवराज सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि झूठी खबर को आधार बनाने का कारण क्या है?
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वहीं राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत की रिपोर्ट पॉजिटिव होने के बावजूद वहां पर सरकार ने सदन चलाया था। वहीं उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि बिन परीक्षण के झूठी जानकारी देकर सदन को स्थगित किया गया है। इसके साथ ही इस मामले में प्रोटेम स्पीकर को सफाई देने की मांग की है।
गौरतलब हो कि विधानसभा के सत्र शुरू होने से पहले संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सभी विधायकों की कोरोना की रिपोर्ट मांगी गई थी जहां सीएम शिवराज सिंह सभी विधायकों ने अपना कोरोना टेस्ट करवाया था। जिसमें दो विधायक सुनीता पटेल और योगेंद्र सिंह के अलावा मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। वही बताया गया था कि विधानसभा के 34 अन्य कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जिसके बाद सर्वदलीय बैठक में शीतकालीन सत्र को रद्द करने का निर्णय लिया गया था।
हालांकि इस बात पर कांग्रेस लगातार राज्य सरकार पर निशाना बना रही है। पीसीसी चीफ कमलनाथ (kamalnath) भी कह चुके हैं कि सरकार की मंशा विधानसभा शीतकालीन सत्र चलाने की नहीं थी। जिसके बाद ऐसी गतिविधि उत्पन्न की गई। अब ऐसे में राधौगढ़ विधायक और कांग्रेस नेता जयवर्धन सिंह के इस ट्वीट ने एक बार फिर से शीतकालीन सत्र को लेकर नई जुबानी जंग तेज कर दी है।
खबर मिली है कि मध्यप्रदेश विधानसभा के ३४ कर्मचारी का कोरोना संक्रमित होने की जानकारी असत्य है। हकीकत में 8 लोगो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी जिसमें सचिवालय के 4 कर्मचारी, 3 विधायक एवं एक विधायक पति थे (1/2)
— Jaivardhan Singh (@JVSinghINC) December 31, 2020
मूल प्रश्न ये है की झूठी ख़बर को आधार क्यो बनाया गया?
छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत संक्रमित थे लेकिन फिर भी वहाँ की सरकार ने सदन चलाया।
पूरी परिस्थिति परीक्षण के बिना एवं झूठी जानकारी देकर सदन स्थागित कर दिया गया
प्रोटेम स्पीकर को इस पर सफाई देना चाहिये। (2/2)— Jaivardhan Singh (@JVSinghINC) December 31, 2020