भोपाल।
मध्य प्रदेश की राजनीति में एक संग्राम छेड़ देने के बाद कांग्रेस से अलग हुए बागी विधायकों ने अब अपने राज खोले हैं। कांग्रेस से अलग होकर पहले बेंगलुरु पहुंचने के बाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया। अब विधायकों ने ये दावा किया है कि वो बीजेपी की तरफ से चुनाव लडेंगे। विधायकों ने बताया कि हमने कमलनाथ को कई बार हिंट किया था किंतु उन्होंने लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया को दरकिनार किया। अब कमलनाथ को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है।
दरअसल कमलनाथ सरकार से नाराज चल रहे हैं शिवपुरी जिले के पोहरी विधायक सुरेश राज खेड़ा और करेरा से जसवंत जाटव ने प्रदेश के उप चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। यह दोनों ही नेता दावा कर रहे हैं कि वह दोबारा चुनावी मैदान में उतरेंगे और भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ेंगे। मीडिया से बात करते हुए करेरा विधायक जाटव ने बताया कि हमने कमलनाथ को कई बार हिंट किया था किंतु उन्होंने लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया को दरकिनार किया। अब कमलनाथ को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है।जाटव ने यह भी बताया कि कमलनाथ से जब भी लोक सिंधिया के विषय में बात करते थे। कमलनाथ कहते थे कि सिंधिया का नाम उनके सामने ना लिया जाए।
दूसरी तरफ डबरा से पूर्व विधायक इमरती देवी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि महाराज के सम्मान के लिए यह निर्णय लिया गया है। महाराज सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने से पूर्व हम लोगों से इस बात की चर्चा की थी और हमें बताया था कि वह कांग्रेस छोड़ने का निर्णय ले रहे हैं। जिस पर हमने महाराज से ही कहा था कि हमारा जो कुछ है वह सब आपका दिया है। अतः हम आपके साथ हैं। मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। जिसका साथ महाराज ने कहा था कि हम बंगलुरु रवाना हो जाए। इमरती देवी ने भी यह दावा किया है क्या बीजेपी से चुनाव लड़ेंगे और पहले से ज्यादा वोट जीतकर वापस आएंगे। वही मेहगांव के पूर्व विधायक ओपीएस भदोरिया ने कहा कि कांग्रेस में लगातार महाराज की उपेक्षा हो रही थी।सीएम बनाने से लेकर प्रदेशाध्यक्ष बनाने तक की मांग को नकार दिया गया था।ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा तक पर भेजने की चर्चा नहीं थी। मैं आज जो भी हूं महाराज की वजह से हूं। महाराज जी अभी आदेश करेंगे मैं भाजपा में शामिल हो जाऊंगा। भांडेर से पूर्व विधायक सिरोनिया ने भी कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए बताया कि पहले कांग्रेस ने उन्हें टिकट देने से मना कर दिया था क्योंकि उनके पास पैसे नहीं थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से उन्हें टिकट मिला। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को जवाब क्षेत्र की जनता देगी क्योंकि क्षेत्र को गोविंद सिंह व उनके दलाल अपने अधीन कर के चला रहे हैं। बता दे कि सुमावली से पूर्व विधायक ऐंदलसिंह कंसाना ने भी यह दावा किया है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान से उनकी बात हुई है और अब वह भी भाजपा की तरफ से ही चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कमलनाथ, दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं ने पार्टी में किसी को भी तवज्जो नहीं दी। जिस वजह से पार्टी यहां तक पहुंची है।
वही मुरैना से पूर्व विधायक रघुराज कंसाना ने कहां है कि वह कमलनाथ सरकार के गिरने से बेहद खुश हैं। उनके साथ बेंगलुरु में बैठे 22 पूर्व विधायक जो भी फैसला करेंगे वे उनमें शामिल रहेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया है की अभी भाजपा से टिकट मिलने या नहीं मिलने जैसी स्थिति पर कुछ भी तय नहीं है। तो वहीं कांग्रेस के आंतरिक गतिविधियों को सरेआम करते हुए दिमनी से पूर्व विधायक गिर्राज दंडोतिया ने कहा कि जब भी कमलनाथ से महाराज का नाम लेकर कोई चर्चा होती थी तो कमलनाथ का स्पष्ट यह जवाब आता था कि सिंधिया का नाम ना लिया करें। उन्होंने आज प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति के लिए दिग्विजय सिंह को भी जिम्मेदार ठहराया है। दिमनी विधायक ने दिग्विजय पर निशाना साधते हुए कहा की दिग्विजय सिंह ने सरकार को प्राइवेट कंपनी बना दिया था।
गौरतलब हो कि कांग्रेस के 22 विधायकों ने कांग्रेस से नाराज होकर अपना इस्तीफा दे दिया था। यह सारे विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक रहे हैं और सिंधिया के बीजेपी में प्रवेश करने के बाद इन विधायकों के भी बीजेपी में जाने की खबर सामने आ रही है। निश्चित ही यह कमलनाथ सरकार के लिए शुभ संकेत नहीं है। अब देखना दिलचस्प है की उप चुनाव में जनता किसके साथ खड़ी होती है।