भोपाल/जबलपुर।
कहते है अगर कभी ना हार मानने का जुनून और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं है। कुछ इसी तरह की मिसाल दी है एमपी के जबलपुर की एक युवती ने।युवती ने 12 बार रिपोर्ट पॉजिटिव ना सिर्फ कोरोना संक्रमण को मात दी, बल्कि 2 बार कोमा में जाकर भी लौट आई।इस दौरान युवती को कई बार ऑक्सीजन भी लगाना पड़ा, लेकिन उसने हार नही मानी और दोनों जंग को जीत लिया।युवती के इस हौंसले को डॉक्टर्स भी लोहा मानरहे है ।
दरअसल, जिले के विजयनगर निवासी एक युवती न्यूरोमाइलाइटिस ऑप्टिका यानि एनएमओ नामक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित है।बीते महिने वह सर्दी-खांसी से पीडित हुई तो वह शहर स्थित दो निजी अस्पतालों में गई थी। वहां से उसे विक्टोरिया अस्पताल रेफर किया गया था और फिर कोरोना की जांच की गई लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। लेकिन जब दोबारा तबीयत खराब हुई तो उसके दोबारा थ्रोट स्वाब के सैंपल लिए गए तो कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इसके बाद उसे एडमिट कर लिया गया और फिर करीब 14 दिन बाद सैंपल की जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। ऐसा करीब 12 बार उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई , इस दौरान मेडिकल के कोविड केयर वार्ड में 39 दिन भर्ती रही युवती 2 बार कोमा में गई, कई बार ऑक्सीजन लगाना पड़ा, बावजूद इसके उसने कोरोना को मात दे दी ।
कोरोना की अंतिम दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसे कोरोना मुक्त होने का प्रमाण पत्र देकर न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के उपचार के लिए मेडिकल के मेडिसिन आईसीयू में भर्ती कराया गया है।