भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। राजधानी में बड़ी तेजी से कोरोना के मरीजों की संख्यां बढ रही है। बुधवार को नए 262 पॉजिटिव(Positive) मरीज मिले। शहर के हालात इतने खराब होने के बावजूद प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया(Hamidia) में संक्रमितों का इलाज करने के नाम पर आम जनता कों ठेंगा दिखाया जा रहा है। हमीदिया में व्यस्थाएं कितनी दुरुस्त हैं इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जुलाई-अगस्त में अस्पताल में कोविड वार्ड में 220 बेड थे। जो सितंबर में घटकर 140 हो गए।
अस्पताल के कोविड वार्ड-1 में 100 बेड और कोविड वार्ड-2 में 120 बेड आईसीयू(ICU) के थे। इस तरह कुल मिलाकर 220 बेड आईसीयू के हमीदिया में थे। हैरानी की बात यह है कि अस्पताल प्रबंधन ने बेड में कटौती के पीछे सोशल डिस्टेंसिंग(Social Distencing) के नियम का पालन ना होना बताया है। बता दें कि अब से कुछ समय पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग(Medical Education Minister Vishwas Sarang) ने जब हमीदिया का जायजा लिया था तब उन्होने खुद अस्पताल में बेड बढाने की बात कही थी। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने मंत्री के निर्देश का पालन करने की बजाए उसे दरकिनार कर दिया है। हालांकि प्रबंधन का यह भी कहना है कि जल्द ही नई बिल्डिंग में 240 बिस्तरों का वार्ड तैयार कर लिया जाएगा है। लेकिन वो कब तैयार होगा इसका कुछ अता-पता नही है।
खुद के संक्रमित डॉक्टरों को भी नहीं मिल पाया समय पर बेड
दिन-रात लगाकर कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों की स्थिति इतनी खराब है कि संक्रमित होने पर उन्हे खुद के लिए अस्पताल में बेड नसीब नही हो पा रहा। समय पर बेड ना मिलने के कारण संक्रमित डॉक्टरों ने सोमवार को हमीदिया में जमकर हंगामा किया। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन फौरन हरकत में आया और आनन-फानन में बेड की व्यवस्था कर डॉक्टरों को भर्ती किया गया।