नईदिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। पहली कोशिश के बाद योग गुरु बाबा रामदेव (baba ramdev) के कोरोना औषधि कोरोनिल (coronil) पर स्वास्थ्य मंत्रालय (heath department) द्वारा रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद एक बार फिर बाबा रामदेव ने कोरोना (corona) की नई दवा लॉन्च की है। नई दवा का नाम भी कोरोनिल ही रखा गया है। पतंजलि का कहना है कि कोरोनिल टेबलेट (coronil tablet) से अब कोरोना का इलाज किया जाएगा।
कोरोना से निपटने के लिए बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि (patanjali) ने नई दवा जारी की है। बाबा रामदेव का कहना है कि यह दवा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के द्वारा प्रमाणित की गई है। पतंजलि ने इस दवा के रिसर्च पेपर भी जारी किए हैं। जानकारी के मुताबिक इस दवा को 100 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार किया है। पतंजलि का कहना है कि इन दवाओं से न सिर्फ इम्युनिटी मजबूत होगी बल्कि कोरोना को भी खत्म किया जा सकेगा।
बता दे कि बाबा रामदेव द्वारा जारी की जारी कोरोना वायरस की दवा के मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन (harshvardhan) और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (nitin gadkari) में शामिल रहें। इस मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि इस दवा से दुनिया के 150 देशों को कोरोना से निपटने में मदद मिलेगी। कोरोनिल के जरिए लाखों लोगों को बचाने का प्रयास पतंजलि ने किया था। लेकिन तब सब ने हमारा मजाक बनाया था और उन्हें लगता था कि रिसर्च का काम केवल विदेशों में ही संभव है। बाबा रामदेव ने कहा कि अब कोई भी इस दवा पर सवाल नहीं कर सकेगा।
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इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पतंजलि की तारीफ करते हुए कहा कि वैज्ञानिक रूप से यह काम करने के लिए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का धन्यवाद। आत्मनिर्भर भारत के तहत इस दवा के परिणाम से जनता का विश्वास बढ़ेगा। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की तारीफ करते हुए डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि आयुर्वेद पद्धति पर हमेशा से भारतीयों का विश्वास रहा है। डॉ हर्षवर्धन ने कहा की आयुर्वेद के मार्केट पर कोरोना के बाद 90 फ़ीसदी का उछाल देखा गया है।
इससे पहले पतंजलि आयुर्वेद में जून 2020 में कोरोनिल टेबलेट लॉन्च की थी। लॉन्चिंग के बाद से यह दवा विवादों में घिर गई थी। जिसमें दावा किया गया था कि यह 7 दिन के भीतर कोरोना वायरस को ठीक कर सकती है। हालाकि दवा लॉन्च के बाद ही आयुष मंत्रालय ने इस दवा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद पतंजलि द्वारा कोरोनिल को इम्यूनिटी बूस्टर बताया गया था। आयुष मंत्रालय द्वारा पतंजलि को कोरोनिल बेचने की अनुमति दी गई थी।