सीहोर।अनुराग शर्मा
आजादी के बाद सीहोर जिले में स्थापित शासकीय न्याय व्यवस्था में कोरोना संक्रमण काल में कानून के क्षेत्र में एक नया नवाचार अमल में लाया जा रहा है। जिसमे रूटीन की प्रक्रिया से एकदम हटकर जिला न्यायालय में संचार साधन आधारित न्याय व्यवस्था के एक नये युग की शुरुआत हुई। इस व्यवस्था में जिला न्यायालय के कांफ्रेंस हाल में बैठकर वरिष्ठ वकीलों ने दीवानी मामले में अपनी जोरदार बहस वीडियो कालिंग के माध्यम से की। सीहोर के जिला न्यायालय में लाक डाउन के दौरान वीसी के जरिये जिला एवं सत्र न्यायाधीश राज्यवर्धन गुप्ता ने दीवानी मामले की अंतिम बहस वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनी और इस बहस के बाद अपना ई – फैसला मेल से दोनों पक्षकारो को प्रेषित किया।
दरअसल जबलपुर उच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देश के आधार पर जिला न्यायालयो में दीवानी मामलो की बहस और निर्णय वीसी के जरिये किये जाने और ई – निर्णय का मार्ग प्रशस्त हुआ है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश से अनुमति लेकर जब मीडिया ने जिला न्यायालय में चल रही प्रक्रिया को देखने और समझने का प्रयास किया तो अंदर के हालात रोजमर्रा की जगह एकदम जुदा जुदा नजर आये। लाक डाउन की लम्बी अवधि के बाद दीवानी मामले की ई – सुनवाई इस अदालत में हुई। ना तो दोनों पक्षकार, ना दोनों के वकील.सूने सूने विटनेस बॉक्स कोरोना काल की कहानी कहते दिख रहे थे। कोरोना संक्रमण के चलते पूरा कोर्ट परिसर एकदम साफ़ सुथरा।सैनेटाईज दिख रहा था।
सैनेटाईज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा की खुशबू की तेज महक यह अहसास करा रही थी की कोरोना महामारी का दौर और उसके बचाव की सावधानियां न्यायालयों में भी गंभीरता के साथ अपनाई जा रही है। अपने डायस पर अकेले बैठे जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राज्यवर्धन गुप्ता अपने मुंह पर मास्क और हाथो में दस्ताने पहने हुए थे और उनके सामने लगी एलईडी स्क्रीन पर तीन फ्रेम नजर आ रहे थे। पहले फ्रेम में सीनियर वकील कमर अहमद सिद्दकी और दूसरे फ्रेम में वरिष्ठ वकील जीतेंद्र व्यास बहस के लिए तैयार नजर आये। बारी बारी से दोनों ने इस दीवानी मामले की अपनी फायनल बहस की। दोनों वकील जिला न्यायालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सीधे जिला कोर्ट में जिला एवं सत्र न्यायाधीश से लाइव जुड़े हुए थे। इस बहस के बाद वरिष्ठ वकील कमर अहमद सिद्दकी ने स्थानीय मीडिया से चर्चा में कहा की यह मेरे न्याय पालिका के जीवन में यह पहला अवसर था जबकि हमने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बहस की है। इस मामले के दूसरे पक्षकार के एडवोकेट जीतेंद्र व्यास ने कहा की अपने जीवन यह एकदम नया अनुभव है जबकि हमने अपनी बहस इस तरह नवाचार के रूप में की है।