मध्यप्रदेश की राजनीति(Politics of Madhya Pradesh) हमेशा से अनिश्चितताओं पर निर्भर(Dependent on uncertainties) रही है। यह कब कौन सा मुद्दा कितना बड़ा हो जाए कोई नहीं कह सकता। इसी बीच अब राज्य शासन द्वारा जारी किए गए पत्र को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ(Former Chief Minister Kamal Nath) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) को खुला पत्र लिखा है। जहां उन्होंने सीएम शिवराज(CM Shivraj) से अविलंब कर्मचारियों के रोके गए लाभ को भुगतान करने की मांग की है।
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पत्र में लिखा है कि वह शिवराज सिंह चौहान का ध्यान कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय की ओर दिलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि न देने का फैसला किया गया है। जहां फैसला पत्र में प्रशासनिक शब्दों में त्रुटि होने के कारण फैसले में काल्पनिक वेतन वृद्धि की घोषणा की गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि कर्मचारियों को आपकी सरकार द्वारा मिलने वाले सातवें वेतनमान के एरियर की राशि, जो अंतिम किश्त में रूप में दी जानी थी। आपकी सरकार ने वह भी नहीं देने का फैसला किया है। नाथ ने यह भी कहा कि पिछले 5 महीने से कर्मचारी लगातार इस महामारी के वक्त में भी अपना सहयोग दे रहे हैं। ऐसे में उनके वेतन वृद्धि में की गई कटौती किसी भी तरीके से जायज नहीं है। नाथ ने कहा कि पर्यटन विभाग के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के भी 50% वेतन न देने का निर्णय शिवराज सरकार ने लिया है। जो कि कर्मचारियों के अधिकार का हनन करने जैसा है।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कि सरकार ने कर्मचारियों को 5% महंगाई भत्ता देने का निर्णय लिया था। जिस फैसले पर शिवराज सरकार ने सत्ता में आते ही रोक लगा दी थी। उसके बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री नाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर अधिकारियों के रोके गए लाभों को अविलंब भुगतान करने की मांग की है। वही इससे पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस मामले में ट्वीट करते हुए शिवराज सरकार को घेरा है। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने कहा है कि प्रदेश में अब झूठी घोषणा और लफ्फेबाजी के लिए मशहूर शिवराज सरकार ने काल्पनिक वेतन वृद्धि दी है। जहां सरकार कर्मचारियों को एक ढेला नहीं देगी और कर्मचारियों मान ले कि उन्हें सब मिल चुका है।