भोपाल।मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों (goverment hospital) के डॉक्टर(doctor) सरकार से नाराज हो गए हैं। दरअसल संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं के अपर संचालक के एक आदेश (order) के द्वारा 29 फरवरी को नरसिंहपुर (narsinghpur) के प्रभारी सीएमएचओ (cmho) एम यू खान को रिटायर होने के बाद भी एक साल की संविदा नियुक्ति दे दी गई है।
आदेश में लिखा गया है कि प्रशासकीय कार्य की सुविधा से यह काम किया जा रहा है ।सरकारी डॉक्टरो का विरोध इसी आदेश को लेकर है। उनका कहना है कि प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए संविदा पर सेवानिवृत्त चिकित्सको को इसलिए रखे जाने का प्रावधान किया गया था कि जिससे कि आम जनता को चिकित्सीय सेवा उपलब्ध कराई जा सके। संविदा नीति का उद्देश्य चिकित्सा काम के लिए है ना कि प्रशासनिक काम के लिए। सरकार के इस आदेश से चिकित्सकों में निराश और आक्रोश का माहौल बन रहा है और खान को दोबारा सीएमएचओ बनाए जाने से नीचे स्तर पर जिस व्यक्ति को सीएमएचओ बनना था, उसका हक भी मारा जा रहा है।
मध्य प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ देवेंद्र गोस्वामी का कहना है कि सरकार को तत्काल इस आदेश को संशोधित कर खान को केवल चिकित्सीय कार्य हेतु संविदा नियुक्ति देनी चाहिए। दरअसल मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है और इसके चलते डॉक्टरों की संविदा नियुक्ति का प्रावधान कई वर्ष पहले किया गया था। लेकिन यह पहला मौका है जब किसी डॉक्टर को चिकित्सीय कार्य के बदले प्रशासकीय कार्य के लिए संविदा नियुक्ति मिली हो।