दर्जनभर मजदूरों को लाखों में बेचा, महाराष्ट्र पुलिस की मदद से जबलपुर पुलिस ने करवाया रिहा

Kashish Trivedi
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जबलपुर, संदीप कुमार। महाराष्ट्र के सोलापुर में बंधक बनाये गए 12 मजदूरों को सकुशल जबलपुर पुलिस ले आई है। सभी मजदूर सिहोरा तहसील के वार्ड क्रमांक 14 में रहने वाले आदिवासी समुदाय के गरीब लोग है। जिन्हें असीम खान नाम का युवक मजदूरी के नाम पर सोलापुर के ग्राम पुणे में गन्ने की मजदूरी करने ले गया था। सोलापुर में इन मजदूरों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा था। मजदूरों को भूखा रखकर मजदूरी करवाई जा रही थी और वेतन भी नहीं दिया जा रहा था।

मजदूरों के साथ की जाति थी मारपीट

बताया जा रहा है कि मजदूर अगर किसी तरह वंहा से भागने की कोशिश भी करते थे तो उनके साथ मारपीट की जाती थी। महाराष्ट्र के सोलापुर में बंधक बनाकर मजदूरी करने वाले मजदूरों की जानकारी जब जबलपुर जिला प्रशासन को लगी तो उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को इसकी सुचना दी। महाराष्ट्र सरकार ने सोलापुर जिला प्रशासन को मजदूरों की हर संभव  सहायता उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिए। जबलपुर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर सिहोरा थाने में पदस्थ्य उपनिरीक्षक अशोक सिंह बागरी, आरक्षक राजेश सिंह और अर्पित सिंह ने सोलापुर के मोहुल थाने से सभी मजदूरो को सिहोरा लेकर आये है।

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महिला-पुरुष और बच्चे थे मजदूरी में शामिल

सोलापुर से मुक्त कराकर जबलपुर लाये गए बंधक मजदूरों में 7 महिलाये, 4 पुरुष और एक 6 साल की बच्ची शामिल है। सिहोरा पहुंची मजदूर सुशीला कोल ने बताया की सोलापुर में उन्हें गन्ने के खेत पर मजदूरी के लिए लगाया गया था। ठेकेदार उन्हें मजदूरी के रूपये भी नहीं दे रहा था और समय पर खाना भी नहीं मिल पा रहा था। इधर अतिरिक्त  पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शिवेश सिंह बघेल ने बताया की सभी मजदूर सकुशल अपने घर पहुंच गये है। पुलिस को मजदूरो द्वारा जो भी बताया जाएगा उसके अनुसार पुलिस विभाग कार्यवाही करेगा।


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