डिंडोरी।प्रकाश मिश्रा
लॉकडाउन के चलते आज डिण्डोरी नगर के ईदगाह सहित जामा मस्जिद परिसर भी नमाजियों के बिना सुनसान नजर आये । विगत वर्षों में यहाँ हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा किया करते थे।किन्तु कोरोना संक्रमण के खतरे के कारण आज पाक रमजान माह पूरे होने के बाद सभी मुस्लिम सम्प्रदाय के लोगों ने अपने घरों से ही ईद की नमाज अदा की।
ज्ञात हो कि जिले में लगातार कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है पूरे जिले में लॉक डाउन के साथ ही धारा 144 लागू है जिसके तहत सामाजिक दूरी बनाए रखने के उद्देश्य से प्रशासन ने सभी धार्मिक आयोजनों को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया है ।ईद के खास अवसर पर मुस्लिम समुदाय के लोग घरों में मीठे पकवान, खास तौर पर सेंवईं बनाते हैं, जिसे शूर क़ोरमा कहा जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोग आपस में गले मिलकर सभी शिकवे गिले दूर करते हैं। इस्लाम धर्म का यह त्योहार भाईचारे का संदेश देता है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रख कर अपने घरों से ही नमाज अदायगी की। यही वजह है कि इस बार ईद के मौके पर लोग आपस ज़्यादा नहीं मिले और अपने-अपने घरों में ही ईद की नमाज पढ़ने के बाद खुशियां मनाई ।
सदर जामा मस्जिद डिंडोरी ने हमारे प्रतिनिधि से बात करते हुए कहा कि ईद उल फितर के मौके पर लोग खुदा का शुक्रियाअदा करते हैं, क्योंकि अल्लाह उन्हें महीने भर उपवास पर रहने की ताकत देते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि रमज़ान के पाक़ महीने में दान करने से उसका फल दोगुना मिलता है। इसलिए लोग ग़रीब और ज़रूरतमंदों के लिए अपनी आमदनी से कुछ रक़म दान कर देते हैं।