मनोरंजन,डेस्क रिपोर्ट। कई दिनों से बीमार चल रहे अभिनेता खलनायक अनुपम श्याम ओझा का निधन होगया। आपको बता दें पिछले कई समय से वे बीमार चल रहे थे। बीमारी और तंगी के चलते उन्होंने इलाज के लिए आमिर खान और सोनू सूद से भी मदद की गुहार लगाई थी। पिछले कई समय से किडनी की बीमारी के चलते डायलिसिस पर थे अनुपम, और आज मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर की वजह से उनकी मौत हो गई।
मार्च 2020 से बीमार चल रहे अनुपम आर्थिक तंगी से गुज़र रहे थे तब ओझा की मदद के लिए राजा भैया आगे आए थे और 5 लाख रुपए की मदद की थी। लज्जा, बेनडिट क्वीन जैसी फिल्मों में काम कर चुके अनुपम को टीवी सीरियल “प्रतिज्ञा” से एक अलग पहचान मिली थी। ठाकुर सज्जन सिंह के रोल में दर्शकों ने उन्हें काफी पसंद किया था। और इसलिए वह जल्दी स्वस्थ होकर अपने दर्शकों के लिए लौटने को बेताब थे। आपको बता दें आर्थिक स्तिथि ठीक न होने की वजह से 2020 में इलाज के लिए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य योगीनाथ ने भी अनुपम श्याम को 20 लाख रुपए मदद मुहैया कराई थी जिसके लिए एक भावुक पत्र लिखकर अनुपम ने योगी का धन्यवाद भी किया था।
पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।
इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।