फसल खराब होने से परेशान किसान ने लगाया मौत को गले, जांच में जुटी पुलिस

दमोह, गणेश अग्रवाल।खेत में बर्बाद फसलों को देखकर जिले में किसानों द्वारा मानसिक स्थिति असंतुलित होने के चलते आत्महत्या किए जाने का एक मामला सामने आया है। किसान द्वारा की गई आत्महत्या का कारण फसल का खराब होना बताया जा रहा है और मृतक किसान के परिजनों ने फसल के खराब होने को कारण बताया है। ऐसे हालात में आगामी दिनों में चिंताजनक हालात बन सकते हैं।

दरअसल,जिले के मगरोन थाना अंतर्गत एक किसान ने जहर खा लिया। जहर खाने के बाद उसे गंभीर हालत में दमोह जिला अस्पताल लाया गया, जहां पर उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। किसान का नाम भगवान दास रजक है, जिसकी उम्र 45 वर्ष है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।