ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर जिला प्रशासन (Gwalior District Administration) ने एक बड़ी कार्रवाई की है। खाद्य विभाग की टीम ने एक आटा फैक्ट्री (Flour Factory) पर छापा मारा है। इस फैक्ट्री में खाद्य विभाग की टीम को मध्यप्रदेश (MP) के अलावा दिल्ली (Delhi) और उत्तरप्रदेश (UP) का सरकारी योजना का गेंहूं मिला है। टीम को यहाँ सड़ा और ख़राब गेहूं भी मिला है। खाद्य विभाग की टीम का कहना है कि सड़े और ख़राब गेहूं से तैयार आंटे को मार्किट में खपाने की तैयारी थी। खाद्य विभाग ने जाँच के लिए सेम्पल ले लिए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) के सख्त निर्देशों के बाद प्रदेश में माफिया और मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में ग्वालियर जिला प्रशासन भी सतर्क है और इसी सतर्कता का परिणाम है कि जिला प्रशासन की खाद्य विभाग (Food Department) की टीम ने एक ऐसी आटा फैक्ट्री पर छापा मारा है जो सड़े और ख़राब गेंहूं से पिसा आटा बाजार में सप्लाई करने की तैयारी में थी। बड़ी बात ये है कि इस फैक्ट्री पर बड़ी संख्या में उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और दिल्ली का सरकारी गेंहूं मिला है।
खाद्य विभाग के नोडल ऑफिसर, डिप्टी कलेक्टर संजीव खेमरिया (Sanjeev Khemariya) ने जानकारी देते हुए बताया कि वे जब अपनी टीम के साथ बाराघाटा इंडस्ट्रियल क्षेत्र में निरीक्षण के लिए जा रहे थे तभी उन्हें एक आटा फैक्ट्री संचालित होने की जानकारी मिली। वे जब टीम के साथ फैक्ट्री के अंदर गये तो वहां हालात बहुत खराब थे। वहां गेहूं की भूसी, गेहूं का पावडर, घुन लगा गेहूं, सड़ा हुआ गेंहूं भारी मात्रा में मिला। फैक्ट्री के एक हिस्से में गेहूं पीसने की तैयारी थी जिससे समझ आ रहा था कि सड़े और ख़राब गेहूं से पिसे आटे को मार्केट में खपाने की पूरी तैयारी थी। उन्होंने कहा कि यदि ख़राब गेहूं का बना आटा किसी के पेट में जाता तो वो उसके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता था। प्रशासन की टीम को फैक्टर से करीब 50 क्विंटल गेहूं मिला है। खाद्य विभाग ने सेम्पल लेकर जाँच के लिए भेज दिए हैं।
खाद्य विभाग की टीम ने जब फैक्ट्री का बारीकी से निरीक्षण किया गया तो यहाँ सरकारी गेंहूं भी बड़ी मात्रा में मिला। फैक्ट्री में मध्यप्रदेश के अलावा उत्तरपदेश और दिल्ली का सरकारी योजना का भी गेहूं मिला। डिप्टी कलेक्टर संजीव खेमरिया ने बताय कि टीम करीब यहाँ तीन घंटे तक रही लेकिन फैक्ट्री संचालक नहीं पहुंचे और जो व्यक्ति यहाँ मिला वो भी किसी तरह के अधिकृत दस्तावेज नहीं दिखा पाया। फैक्ट्री किसी महेंद्र यादव की बताई जा रही है।
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बहरहाल एक निजी आटा फैक्ट्री पर मध्यप्रदेश सहित उत्तरप्रदेश और दिल्ली सरकार की सरकारी योजनाओं का गेहूं मिलना साफ़ बताता है कि फैक्ट्री संचालक का सरकारी योजनाओं का गेहूं सप्लाई करने वालों से सांठगांठ है। यानि उसके तार राशन माफिया से जुड़े है। प्रशासन का कहना है कि सेम्पल की रिपोर्ट आते ही वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।