नन्दू भैया का निधन: भावुक पूर्व मंत्री बोले राजनीति में पिता के बाद वे ही थे अभिभावक

Atul Saxena
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देवास, (बागली) सोमेश उपाध्याय। भाजपा (BJP)  के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नन्दकुमार सिंह चौहान (Nandkumar Singh Chauhan)के निधन के समाचार के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर छा गई है। पूर्व मंत्री दीपक जोशी (Deepak Joshi) ने कहा कि नन्दू भैया का अचानक चले जाना उनके लिए पितातुल्य अभिभावक का चले जाना है।

नन्दू भैया का निधन: भावुक पूर्व मंत्री बोले राजनीति में पिता के बाद वे ही थे अभिभावक

जोशी ने अपना संस्मरण एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से विशेष चर्चा के दौरान  बताया कि 1998 में जब स्व.कैलाश जोशी जी चुनाव हार गए थे तब नन्दू भैया ने ही उन्हें बागली क्षेत्र में सक्रिय किया और जिला योजना समिति का सदस्य मनोनीत करवा कर अगले चुनाव के लिए तैयार किया। चर्चा के दौरान जोशी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि नन्दू भैया स्वच्छ व शालीन राजनीति के प्रतीक के रूप में उभरे वे सभी को साथ लेकर चलने वाले राजनेता थे। जोशी ने नन्दू भैया के निधन  को अपनी पारिवारिक क्षति बताया। देवास विधायक गायत्री राजे पँवार, बागली विधायक पहाड़ सिंह कन्नौजे, खातेगांव विधायक आशीष शर्मा, हॉटपिपल्या विधायक मनोज चौधरी समेत भाजपा-कांग्रेस के नेताओ ने भी सांसद चौहान के निधन पर शोक जताया।

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गौरतलब है कि सौम्य मुस्कान, विनम्र व्यवहार और अपनी अलग पहचान बनाए रखने वाले नंदकुमार सिंह चौहान (Nandkumar Singh Chauhan) नंदू भैया अब हमारे बीच में नहीं रहे। काफी लंबे समय से कोरोना संक्रमित (corona positive)  थे और डॉक्टरों (doctors) के अनुसार उनके 90% फेफड़े (Lungs) संक्रमित हो गए थे। दिल्ली के अस्पताल में उन्हें एअरलिफ्ट किया गया था लेकिन उन्होंने आज तड़के वहां अंतिम सांस ली। नंदकुमार सिंह चौहान भारत की 16वीं लोकसभा के सांसद थे। स्वर्गीय चौहान की पार्थिव देह आज दोपहर एयर एंबुलेंस से खंडवा (khandwa) हवाई पट्टी लाई जाएगी और वहाँ से बुरहानपुर ले जाई जाएगी।  उनका अंतिम संस्कार बुधवार को उनके गृह जिले शाहपुर में किया जाएगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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