भिंड।गणेश भारद्वाज।
विधानसभा क्षेत्र भिंड के पूर्व प्रत्याशी डॉ रमेश दुबे ने कहा है कि जिला खनिज अधिकारी आरपी भदकारिया और पावर मेक कंपनी का गठजोड़ भिंड जिले की जीवन रेखा सिंध नदी का रेत मशीनों से खोदकर नदी को तबाह और बर्बाद कर रहा है। मजदूरों का रोजगार छीना जा रहा है नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और राज्य पर्यावरण मंत्रालय की मनसा और लोकहित के तमाम नियमों को ताक पर रखकर जिला खनिज अधिकारी वपावर मेक कंपनी और रेत माफिया सरेआम मध्य प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन्होंने सिंध नदी के पर्यावरण को पूरी तरह नष्ट कर दिया है। डॉ रमेश दुबे ने बताया कि वह इस संबंध में शीघ्र ही मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान व पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया को ठोस प्रमाण सहित सबूत के साथ शिकायत आवेदन सौपेंगे।
इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी ने आयुक्त चंबल संभाग आर के मिश्रा को भी गलत जानकारी देकर गुमराह किया है। डॉ रमेश दुबे ने बताया कि उन्होंने जिला खनिज अधिकारी से पत्र द्वारा बिंदुवार जानकारी चाहि थी। जिसके जवाब में खनिज विभाग ने पावर मेक कंपनी द्वारा रेत खनन की प्लानिंग की कोई जानकारी नहीं दी। इससे यह स्पष्ट होता है कि पावर मेक कंपनी से नियमानुसार जिला खनिज अधिकारी ने कोई प्लानिंग प्राप्त ही नहीं की।,जबकि बिना प्लानिंग उपलब्ध कराएं पावर मेक कंपनी किसी भी स्थान से रेत खनन नहीं कर सकती । डॉ रमेश दुबे ने स्पष्ट किया है कि उक्त पत्र में रेत खदानों के सीमांकन की स्थिति और पक्की मुंड्डी गाडे जाने की जानकारी चाही गई थी लेकिन इसका जवाब भी गोलमोल तरीके से देकर छुपाओ किया गया है।
उक्त प्रश्न के जवाब में खनिज अधिकारी ने बताया कि खदानों का सीमांकन किया गया था और सीमांकन किया जा रहा है। जबकि ना तो पहले सीमांकन करके मुंडिया गाड़ी गई थी और ना वर्तमान में सीमांकन चल रहा है और ना ही पक्की मुंडिया गाड़ी गई है। कंपनी ने पूरी नदी को खनिज विभाग के संरक्षण में अपनी जागीर मानकर रेत को खोदा है और लगातार खोद रही है। राज्य पर्यावरण मंत्रालय एवं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपनी अनुमति में सभी खदानों से मनुष्यों द्वारा हाथ से रेत उत्खनन कराने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। लेकिन इसके बावजूद भी खनन के लिए पोकलेन मशीन पनडुब्बी लिफ्ट जेसीबी मशीन का उपयोग किया जा रहा है। नदी में गहरे गहरे गड्ढे खोदकर पर्यावरण को पूरी तरह तहस-नहस किया गया है। जिससे कि नदी की धारा टूट गई है जलीय जीव जंतु नष्ट हो गए हैं जल का स्तर निरंतर गिर रहा है। पर्यावरण नष्ट हो रहा है।
ज्ञात रहे कि डॉ रमेश दुबे ने खनिज विभाग से पूछे गए प्रश्नों पर अखबारों में खबर प्रकाशित हुई थी जिसका संज्ञान लेकर आयुक्त चंबल संभाग ने खनिज विभाग से इस संबंध में स्पष्टीकरण के साथ संपूर्ण जानकारी मांगी थी लेकिन सीमांकन !मुड्डी गाड़ने और पावर मेक कंपनी द्वारा खदानों से रेत निकालने के तरीके की प्लानिंग के विषय पर खनिज अधिकारी ने पावर मेक कंपनी को अवैध फायदा पहुंचाने के लिए आयुक्त चंबल संभाग को भी गलत जानकारी देकर गुमराह किया है डॉ रमेश दुबे ने कहा है कि भिंड जिले में मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के विपरीत नियमों का उल्लंघन कर सभी कानूनों को तोड़ते हुए राजस्व की क्षति की जा रही है। साथ ही खदानों में काम करने वाले मजदूर वर्ग का रोजगार छीना जा रहा है। मशीनों से रेत निकाले जाने के कारण ग्रामीण मजदूरों का हक मारा जा रहा है। डॉक्टर रमेश दुबे ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि भिंड जिले में सभी 18 रेत खदानें बंद की जाए। पावर मेक कंपनी का ठेका निरस्त किया जाए व पावर मेक कंपनी के द्वारा किए गए अवैध उत्खनन की रिकवरी की जाए। साथ ही सिंध नदी की धारा तोड़कर जलीय जीव जंतु को संकट में डालने के चलते अपराध पंजीबद्ध किया जाए डॉ रमेश दुबे ने बताया कि वह इस संबंध में शीघ्र ही मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान व पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया को ठोस प्रमाण सहित सबूत के साथ शिकायत आवेदन सौपेंगे।