नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सोशल मीडिया (Social Media) और OTT प्लेटफॉर्म के लगातार हो रहे दुरुपयोग पर लगाम लगाने केंद्र सरकार (Central Government )ने आज गुरुवार को गाइड लाइन जारी कर दी। सरकार ने कहा कि इस देश का कानून आलोचना करने और सवाल उठाने की आजादी देता है लेकिन अब आवश्यकता इस बात की है कि सोशल मीडिया (Social Media) के करोड़ों यूजर्स की शिकायतें निपटाने के लिए भी कोई गाइड लाइन हो एक फोरम हो जो इसपर निगाह रखे।
24 घंटे में हटाना होगी गलत पोस्ट, फर्स्ट ओरिजिन बताना होगा
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) ने सरकार द्वारा बनाई गई गाइड लाइन की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने तय किया है कि यदि कोई सोशल मीडिया पर गलत कंटेंट डाला जाता है तो उसे 24 घंटे में हटाना होगा। उन्होंने कहा कि ये भी पता लगाना बहुत जरुरी है ये कि ये गलत कंटेंट या ट्वीट किसने पोस्ट किया है यानि इसका फर्स्ट ओरिजिन कौन है साथ ही यदि ये कंटेंट या ट्वीट भारत के बहार से है तो भारत में इसे सबसे पहले किसने सोशल मिडिया पर पोस्ट किया।
सरकार आलोचना और असंतोष के अधिकार का स्वागत करती है लेकिन सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज के लिए मंच का होना बहुत जरूरी है : केंद्रीय मंत्री @rsprasad #ResponsibleFreedom
#OTTGuidelines pic.twitter.com/qRORT2jKK1— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) February 25, 2021
शिकायतें आ रही थी कि सोशल मीडिया हिंसा फ़ैलाने का प्लेटफॉर्म बन गया
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा। साथ ही उतनी ही तेजी से इसकी शिकयतों की संख्या भी बढ़ी। उन्होंने कहा कि सरकार को शिकायतें मिल रहीं थी कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स क्रिमिनल, आतंकवादी, हिंसा फ़ैलाने वालों को प्रमोट करने का प्लेफॉर्म बना गया है। उन्होने बताय ाकी भारत में व्हाट्स एप के यूजर्स 50 करोड़, फेसबुक के यूजर्स 41 करोड़, इंस्टाग्राम के यूजर्स 21 करोड़ और ट्विटर के यूजर्स 1.5 करोड़ हैं। इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के गलत इस्तेमाल की शिकायतें आईं थी। इसलिए सर्कार ने गाइड लाइन बनाने का फैसला लिया है।
आपत्तिजनक कंटेंट को सबसे पहले किसने पोस्ट या शेयर किया इसकी जानकारी सरकार या न्यायालय द्वारा मांगे जाने पर देना आवश्यक होगा: केंद्रीय मंत्री @rsprasad #ResponsibleFreedom #OTTGuidelines pic.twitter.com/FcHNsycFpk
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) February 25, 2021
OTT प्लेटफॉर्म को उम्र के हिसाब से दिखाना होगा कंटेंट
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकश जावड़ेकर (Prakash Javdekar) ने बताया कि OTT और डिजिटल न्यूज़ पोर्टल्स को खुद को नियंत्रित करने की व्यवस्था बनानी होगी। जिस तरह से फिल्मों के लिए सेंसर बोर्ड है व्यवस्था OTT के लिए हो। इसपर दिखाया जाने वाला कंटेंट उम्र के हिसाब से हो। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि डिजिटल मीडिया न्यूज़ पोर्टल की तरह करोड़ों लोग OTT प्लेटफॉर्म पर आ गए हैं जो प्रेस से एते हैं उन्हें प्रेस काउन्सिल का निर्देश मनन होता है पर डिजिटल मिडया के लिए ऐसा कोई बंधन अभी नहीं है। टीवी वाले केबल नेटवर्क एक्ट के निर्देश फॉलो करते हैं पर OTT के लिए कोई नियम नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रसारणकर्ता के संबंध में संपूर्ण जानकारी देनी होगी और ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम बनाना होगा इसके अलावा रिटायर्ड हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जज की अध्यक्षता में सेल्फ रेग्ययूलेशन बॉडी बनानी होगी।
#OTTplatforms और डिजिटल न्यूज़ मीडिया के लिए ध्यानार्थ:
1. प्रसारणकर्ता के संबंध में संपूर्ण जानकारी देनी होगी
2. ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम बनाना होगा
3. रिटायर्ड हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जज की अध्यक्षता में सेल्फ रेग्ययूलेशन बॉडी बनानी होगी @PrakashJavdekar
@rsprasad pic.twitter.com/hRIawXGxT1— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) February 25, 2021