Gwalior- महिला एडवोकेट को दी तेजाब फेंकने और परिवार को जान से मारने की धमकी

Atul Saxena
Published on -

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। अपराधियों के हौसले कितने बुलंद है इसका ताजा उदाहरण ग्वालियर में देखने को मिला जहाँ एक महिला एडवोकेट (Female Advocate) को बीच सड़क पर रोक कर उसके मुँह पर तेजाब फेंकने और परिवार को जान से मारने की धमकी देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

दरअसल माधौगंज थाना क्षेत्र में अपने ऑफिस में काम करने वाली एक महिला एडवोकेट (Female Advocate) के साथ पिछले करीब डेढ़ महीने में तीन बार घटना हो चुकी है। उन्होंने घटनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि 1 दिसंबर को जब वे अपने ऑफिस से निकल रही थी तब कुछ लोगों ने उनका रास्ता रोका, उनके साथ मारपीट की और छेड़ खानी की। उन्होंने इसकी शिकायत माधौगंज थाने में दर्ज कराई। 15 दिसंबर को उनके साथ फिर घटना हुई । उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने मेरे साथ लूट और डकैती की घटना को अंजाम दिया इस मामले में पुलिस ने अब तक FIR नहीं लिखी।

महिला एडवोकेट (Female Advocate) ने कहा कि एक दिन पहले उनके साथ फिर से घटना हुई। वे अपनी माँ को स्कूल से लेने महाराज बाड़े की तरफ जा रही थी तभी गांधी रोड पर कुटुंब न्यायालय (Family Court) के पास कोई मेरा पीछा करता महसूस हुआ तो जब मैंने गाड़ी रोकी तो दो लोगों ने मुझे धमकाया कि केस वापस नहीं लिया तो तेजाब फेंक देंगे और तेरे परिवार को जान से मार देंगे। धमकी देकर जब वे भागने लगे तो कुछ दूर पीछा लार उनकी गाड़ी का नंबर नोट कर जब उसे चेक किया तो गाड़ी मुरैना की निकली। महिला एडवोकेट ने इसकी शिकायत कोतवाली थाने में दर्ज कराई है। महिला ने 6 लोगों मुन्नेश चौहान, लोकेंद्र चौहान, रामदीन सोनी, राजेंद्र कुलश्रेष्ठ, अजय जाटव और प्रदीप जाटव पर गंभीर आरोप लगाए है। महिला ने आरोप लगाए कि आरोपी मुरैना के विधायक राकेश मावई का नाम लेकर उनसे इस मामले में FR लगवाने की भी धमकी भी दे रहे थे। उधर विश्व विद्यालय थाने के टीआई राम नरेश यादव का कहना है कि कोतवाली से केस डायरी मंगवा ली है और मामले को विवेचना में ले लिया गया है,जांच की जा आरही है।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News