Gwalior: सांसद ने किया बजट का स्वागत कहा- बजट में झलकती है जन कल्याण की प्रतिबद्धता

Atul Saxena
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ग्‍वालियर अतुल सक्सेना। ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद विवेक नारायण शेजवलकर (Vivek Narayan Shejwalkar) ने संसद में आज पेश हुये बजट (Budget) का स्‍वागत करते हुये कहा ‍है कि इस बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के सबका साथ -सबका विकास – सबका विश्‍वास और जन कल्याण की प्रतिबद्धता साफ झलकती है। यह बजट आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के संकल्‍प को साकार करता है।

बजट (Budget) पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सांसद विवेक नारायण शेजवलकर (Vivek Narayan Shejwalkar)ने कहा कि वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman)  ने बजट 2021-22 में किसानों को एक और बड़ी सौगात दी है। बजट में कृषि लोन की लिमिट को बढ़ा दिया है। इस बार किसानों को 16.5 लाख करोड़ तक लोन देने का लक्ष्य तय किया है। बजट में पशुपालन, डेयरी और मछली पालन से जुड़े किसानों की आमदनी बढ़ाने पर भी फोकस किया है। उन्होंने कहा कि यह बजट 6 स्तंभों पर टिका है। पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा-भौतिक और वित्तीय पूंजी और अधोसंरचना, तीसरा-अकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, 5वां-नवाचार और अनुसंधान और विकास, 6वां स्तंभ-न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन।

सांसद शेजवलकर ने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं का विशेष ध्‍यान रखते हुये मोदी सरकार पहले से मौजूद योजनाओं के अलावा अब प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना शुरू करने जा रही है। श्री शेजवलकर ने कहा है कि बजट में अपने घर का सपना देखने वाले लोगों का भी ध्‍यान रखते हुये अफोर्डेबल हाउसिंग की योजना पर फोकस किया है। अफोर्डेबल हाउसिंग में टैक्स छूट को एक साल के लिए बढ़ाया गया है। इसके तहत अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए डेढ़ लाख रुपये की टैक्स छूट मिलेगी। एनजीओ, राज्य सरकारों और प्राइवेट सेक्टर की मदद से 100 नए सैनिक स्कूलों की शुरुआत से हर वर्ग के बच्‍चों को फायदा होगा। साथ ही इस बजट भाषण में बुजुर्गों के लिए कई अहम ऐलान करते हुये 75 साल से ज्यादा उम्र वाले पेशनधारी वरिष्ठ नागरिकों को कर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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