राष्ट्रपिता के हत्यारे की फिर हुई पूजा, हिंदू महासभा ने शुरू की गोडसे ज्ञानशाला

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi)के हत्यारे नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) को अपना आदर्श मानने वाली हिंदू महासभा (Hindu Mahasabha)ने अब गोडसे (Godse)के नाम पर गोडसे ज्ञानशाला (Godse Gyanshala)शुरू की है। पार्टी का कहना है कि इसके माध्यम से हम युवा पीढ़ी को देश की आजादी के लिए बलिदान देने वालों की गाथा बतायेंगे। पार्टी नेता ने दावा किया कि गोडसे (Godse) गांधी (Gandhi) का ही नहीं जिन्ना का प्रतिकार करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि यदि फिर किसी ने देश का विभाजन करने की कोशिश की तो हिंदू महासभा फिर नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) पैदा करेगी।

ग्वालियर के दौलतगंज में स्थित हिंदू महासभा के पार्टी कार्यालय में आज हिंदू महासभा (Hindu Mahasabha)ने गोडसे ज्ञान शाला (Godse Gyanshala)का शुभारंभ किया। पार्टी नेताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के हत्यारे नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) के चित्र पर तिलक किया और उसकी आरती उतारी। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ जयवीर भारद्वाज ने कहा कि हिंदू महासभा (Hindu Mahasabha)ने देश कि आजादी में हजारों देशभक्त कुर्बान किये लेकिन कांग्रेस (Congress) ने जिस तरह से क्रांतिकारियों बलिदानियों का अपमान किया और देश का विभाजन किया जिसके बाद हमारे लाखो हिंदू मारे गए ये देश नहीं भूल सकता। उन्होंने कहा कि हिंदुओ के कत्ले आम ने नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) को हिला दिया था वे गांधी ही नहीं जिन्ना का भी प्रतिकार करना चाहते थे। लेकिन समय कम होने के कारण गांधी (Gandhi) को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि गांधी (Gandhi)की हत्या नहीं हुई उनका प्रतिकार हुआ असली निशाना तो मोहम्मद अली जिन्ना था।

डॉ भारद्वाज ने कहा कि गोडसे ज्ञानशाला (Godse Gyanshala) के माध्यम से हम नई पीढ़ी को देश का सही इतिहास बतायेंगे, आजादी के लिए जान देने वाले बलिदानियों की जानकारी देंगे। गोडसे (Godse) का वो बयान भी बतायेंगे जो उन्होंने फांसी की सजा से पहले कोर्ट में दिया था जिससे उनकी उस देशभक्त भावना को बताया जायेगा जो अबतक छिपा कर रखी गई। डॉ भारद्वाज ने चेतावनी दी कि देश को तोड़ने वालों को हिंदू महासभा (Hindu Mahasabha)बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि अब यदि किसी ने देश का विभाजन करने की कोशिश की तो हिंदू महासभा (Hindu Mahasabha) फिर नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse)पैदा करेगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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