सिंगपुर बेराज बाँध का बढ़ा जलस्तर, पूरे गाँव में जलभराव, प्रशासन बेपरवाह

Kashish Trivedi
Published on -

छतरपुर, संजय अवस्थी। जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर स्थित मुखर्रा गाँव है जहाँ सिंगपुर बेराज बाँध का लगातार पानी का जल के स्तर बढ़ने से पूरे गाँव को जलभराव के कारण पानी ने चारो तरफ से घेर लिया है।  दूर-दूर तक सिर्फ पानी ही पानी दिखाई पड़ रहा है।  चारों तरफ से पूरा गाँव जल मग्न दिखाई पड़ रहा है।  सिर्फ एक रास्ता खुला है बाकी सब बंद है। इस गाँव मे हालात इतने खराब है। घरों में पानी भर रहा घरों में रखा अनाज भी खराब हो गया है और कई तो कच्चे मकान जर्जर होकर गिर गये है और स्कूल की पुरानी बिल्डिंग को पानी ने अपने आगोश में समा लिया है। सिर्फ आधी बिल्डिंग ही डूबने को बची है। जलभराव लगातर बढ़ रहा।

अगर ऐसे ही हालात चलते रहे तो जल्द ही आंगनवाड़ी तक पानी पहुँच जाएगा। वही ग्रामीणों ने बताया कि कई बार इस मामले की जानकारी सम्बंधित अधिकारी को दी मगर आज तक कोई कार्यवाही नही हुई। ओर बोले कि छोटे छोटे बच्चों को लेकर कहा जाये घर के चलना मुश्किल पड़ रहा है। ऐसे हालात के वावजूद भी प्रशासन चैन की नींद सो रहा है। गाँव बालो की सुरक्षा के नाम से कुछ खास इंतजाम नजर नही आ रहे। लोग लगातर पानी मे 1 से 2 किमी तैर कर अपने खेत पर जा रहे। यहाँ तक कि गाँव के बुजुर्ग भी मोटर ट्यूब में लकड़ियों को रखकर उस पर जाते नजर आए। कोई भी प्रशासन का नुमांइदा समझाइश देने के लिये नही है।  ग्रामीणों ने बताया कि जलभराव अचानक बढ़ गया। रातो रात गाँव की तस्वीर बदल गई उस तरफ जानवर है।

जिनकी देखभाल के लिये ये जोखिम उठा रहे । हम आपको बता दे कि इस गॉव को विस्थापित करने कार्यवाही की गई थी। जिसमे नाममात्र कुछ लोगो को मुआवजा भी मिला लेकिन आज तक प्रशासन ने इन ग्रामीणों के लिये जमीन अलर्ट नही की जिससे लोग मजबूरी में इस गाँव मे रह रहे है। वही हो रही बारिश के बाद आगनवाड़ी की बिल्डिंग भी पानी के चपेट आ जायेगी। वही ग्रामीणों ने बताया कि अधिकांश मकान कच्चे बने हुये है। आधे मकान गीले हो गये घरों में पानी भरा है कभी भी हो सकता बड़ा हादसा।

जब इस मामले में इलाके के तहसीलदार से बात की तो उन्होंने अपनी सफाई देते हुये बोले कि जो भी कृषि भूमि या मकान डूब क्षेत्र में आए हैं। उनका मुआवजा राहत राशि दे दी गई है विस्थापन की कार्यवाही लगातार जारी है। पीडब्ल्यू और जल संसाधन विभाग अपनी जानकारी बना रहे हैं और जलस्तर को देखते हुए पुलिस और पटवारी को वहां पंचायत को सूचना दे दी गई है। अभी ऐसे हालात नहीं कि ग्रामीणों को कहीं शिफ्ट करना पड़े और जो मकान डूब गए हैं या डूब रहे हैं। उनका पूर्व में मुआवजा दिया जा चुका है।


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News