कोरोना की लड़ाई में भारत का एक और स्वदेशी कदम, DRDO की दवा 2 DG लांच

Atul Saxena
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट।  डीआरडीओ (DRDO) द्वारा तैयार की गई कोरोना (Corona) की स्वदेशी दवा 2-DG आज सोमवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन (Dr Harsh Vardhan)  की मौजूदगी में लांच की गई। कोरोना की लड़ाई में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा तैयार स्वदेशी दवा 2 -DG की पहले खेप को आज लांच किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने इस मौके पर कहा कि अब तक हम डिफेंस के क्षेत्र में डीआरडीओ और प्राइवेट पार्टनरशिप की बात करते थे। आज हेल्थ के सेक्टर में भी डीआरडीओ और प्राइवेट सेक्टर की पार्टनरशिप का इतना अच्छा परिणाम देख कर मुझे वाकई बहुत खुशी हो रही है।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन की मौजूदगी में आज सोमवार को रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संस्थान डीआरडीओ (DRDO) मुख्यालय में डीआरडीओ (DRDO) के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई कोरोना की दवा 2-deoxy-D-glucose (2-DG) को लांच किया गया।  ये दवा पॉवडर फॉर्म में है इसका इस्तेमाल बहुत आसान है।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने इसका लॉन्चिंग वीडियो शेयर करते हुए कई सारे ट्वीट किया और ख़ुशी जताई।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि DRDO एवं DRL द्वारा तैयार की गई, 2-deoxy-D-glucose (2-DG) ड्रग कोविड में प्रभावकारी सिद्ध होगी। यह हमारे देश के scientific prowess का एक बड़ा उदाहरण है। इसके लिए मैं DRDO, और इस ड्रग की R&D से जुड़ी सभी संस्थाओं को अपनी ओर से बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ।  उन्होंने कहा कि इस ड्रग के बारे में मैं कहूँगा कि यह आशा और उम्मीद की एक नई किरण है। लेकिन अभी हमें निश्चिंत होने की जरूरत नहीं है, और न ही थकने, और थमने की जरूरत है। क्योंकि यह wave दूसरी बार आई है, और आगे भी इस बारे में कुछ निश्चित नहीं है। हमें पूरी सतर्कता के साथ कदम आगे बढ़ाने होंगे।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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