Commonwealth Games 2022 : मैच ऑफिशल्स की गलती भारत पर पड़ी भारी, महिला हॉकी टीम पेनल्टी शूटआउट में 3-0 से हारकर गोल्ड की रेस से बाहर

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खेल, डेस्क रिपोर्ट। भारत के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दूसरी बड़ी गलती। यदि पेनल्टी शूटआउट के समय ऑफिशल्स घड़ी चालू करने भूल गए और भारतीय गोलकीपर सविता पुनिया ने ऑस्ट्रेलिया की लेना मालोंन को बॉल गोलपोस्ट में भेजने से बचा लिया है तो इसमें भारतीय हॉकी टीम की क्या गलती!, लेकिन ऑस्ट्रेलिया को एक और मौका दिया गया, जिसे उन्होंने भुनाया, भारतीय खिलाड़ियों का मनोबल गिरा और वह सेमीफाइनल मुकाबला हारकर पेनल्टी शूटआउट में 3-0 से हारकर गोल्ड की रेस से बाहर हो गए। इस स्तर पर अंपायरिंग का बिल्कुल खराब स्तर!

इससे पहले भी टोक्यो ओलंपिक में भारतीय टीम ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में 6-7 सेकंड अधिक खेले थे। वहां अंत में श्रीजेश ने पेनल्टी कार्नर को सेव कर भारत को 42 साल बाद पोडियम फिनिश का मौका दिया था। हालांकि, महिला टीम के पास भी अभी इन खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका है, जहां उनका मुकाबला पोडियम फिनिश के लिए न्यूजीलैंड से होगा, लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस स्तर पर जब खेल विभिन्न तकनीकों से लैस है, इस प्रकार के खराब निर्णय अहम मौकों पर कैसे लिए जा सकते है।

दोनों टीमों का डिफेन्स रहा मजबूत

मैच की बात करे तो दोनों ही टीमें एक दूसरे का डिफेन्स भेदने में नाकाम रही। भारत के लिए कप्तान और गोलकीपर सविता पुनिया ने 7 पेनल्टी कार्नर बचाये। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के लिए मैच के 10वें मिनट में ही रेबेका ग्रेनियर ने गोल दागकर अपनी टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी थी। ये बढ़त ऑस्ट्रेलिया ने मैच के 49वें तक बना के रखी लेकिन भारत के लिए एक बार फिर वंदना कटारिया ने संकटमोचन की भूमिका निभाई और गोल दागकर स्कोर को 1-1 की बराबरी ला दिया, जो मैच के अंत तक रहा इसलिए ही दोनों टीमों को फाइनल में जगह बनाने के लिए पेनल्टी शूट-आउट तक जाना पड़ा।

ऐसा रहा पेनल्टी शूटआउट – 

पहला प्रयास

ऑस्ट्रेलिया – लेना मालोंन (सफल)
भारत – सियामी (असफल)

दूसरा प्रयास

ऑस्ट्रेलिया – कार्लिन नोब्ब्स (सफल)
भारत – नेहा गोयल (असफल)

तीसरा प्रयास

ऑस्ट्रेलिया – सेमी लोटन (सफल)
भारत – नवनीत (असफल)

 


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Manuj Bhardwaj

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