इंदौर, आकाश धोलपुरे। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में गुरुवार को 198 पॉजिटिव मामले सामने आए है वही 4 लोगो की मौत की जानकारी भी सरकारी आंकड़ो के मुताबिक सामने आ रही है जिसके बाद कुल पॉजिटिव मरीजो की 12229 तक जा पहुंची है। जिनमे से एक्टिव केस ( जिन मरीजो का इलाज अस्पतालों में चल रहा है ) 3240 तक जा पहुंची है। वही कोरोना से जान गंवाने वाले मरीजो की संख्या 379 तक जा पहुंची है।
इधर, राहत की बात ये है कि शहर में रिकवरी रेट 70.41 प्रतिशत तक जा पहुंचा है वही डेथ रेट 3.10 प्रतिशत तक बनी हुई है। याने अब तक कुल 8610 मरीज कोरोना की जंग जीतकर पूर्णतः स्वस्थ हो चुके है। शहर की नब्ज पर नजर रखने वाले मीडिया जगत से जुड़े उन पत्रकारों से आज एम.पी.ब्रेकिंग न्यूज ने चर्चा की। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार आदित्य सिंह की माने तो कोरोना संक्रमण का फैलाव कम्युनिटी स्प्रेड की स्टेज पर है और इसके फैलाव के लिए अब किसी को जिम्मेदार नही माना जा सकता है। अब सवाल ये उठता है इसके फैलाव को उस समय तक कैसे रोका जाए क्योंकि वैक्सीन तो वर्तमान दौर में एक भ्रम है क्योंकि उसके ट्रायल के लिए करीब 1 साल लगेगा। वही वरिष्ठ पत्रकार आदित्य सिंह ने कहा कि हर्ड इम्युनिटी पर अब पूरा दारोमदार है क्योंकि जिस तरह से इंदौर में सीरो सर्वे किया गया उससे ये माना जा रहा है कि 70 से 80 फीसदी लोगो मे हर्ड इम्युनिटी डेवेलप हो जाएगी और जब 80 फीसदी लोगो मे हर्ड इम्युनिटी डेवलप हो जाएगी तो 15 सितंबर से कोरोना संक्रमण के फैलाव का ग्राफ नीचे आना शुरू हो जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर इंदौर सहित प्रदेश के अन्य जिलों की खबरों पर नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन प्रकाश की माने तो कोरोना जैसी घातक बीमारी का नियंत्रण पूरी तरह से जनता के हाथों में आ गया है और जब तक लॉक डाउन था तब तक सरकार की जो पाबंदियां थी वो वजूद में थी और वो काम मे आ रही थी। अब कब पाबंदियों में ढील दी गई है तो अब इसको रोकना जनता के हाथ में ज्यादा है। उन्होंने बताया तमाम वैश्विक स्वास्थ्य संगठन कह रहे है कि मास्क अधिक से अधिक लोग पहने क्योंकि अब ये भी तय हो गया है कि हमको कोरोना के साथ ही जीना है और कोरोना के कारण हम जीवन की रफ्तार नही रोक सकते हैं। वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन प्रकाश ने बताया है कि मेरा अनुमान है कि सरकार अब कोई बहुत लंबा लॉक डाउन लगाने नही जा रही है संकेत तो ये ही मिलते है। ऐसे में अपने स्वास्थ्य की रक्षा लोगो को स्वयं करनी होगी।
जानकारों के मुताबिक मिल रही प्रतिक्रिया में ये बात तो साफ हो रही है कि शहर और प्रदेश लॉक डाउन की बातों को भूलकर कोरोना के साथ जीवन जीने की आदत डालनी जरूरी है वही 15 सितंबर तक हर्ड इम्युनिटी के विकसित प्रभावों के चलते माना जा सकता है कि इंदौर संक्रमण के फैलाव को गति बहुत हद तक अंकुश लग सकता है।