इंदौर क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जो यूट्यूब से ठगी का तरीका सीखने के बाद बेरोजगार स्टूडेंट्स को निशाना बनाया करता था और उन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर हजारों रुपए की ठगी को अंजाम देता था। दरअसल आरोपी की पहचान देवास निवासी शुभम लौवंशी के रूप में हुई है। ये ठग सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए बेरोजगार युवाओं को झांसे में लेता था।
जानकारी के मुताबिक आरोपी शुभम नौकरी दिलाने के नाम पर सबसे पहले स्टूडेंट्स से एक रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिया करता था और इस दौरान वह मोबाइल पर पूरी प्रक्रिया का वीडियो भी बना लिया करता था। शातिर ठग को एक रुपए के ट्रांसफर से यह जानकारी मिल जाती थी कि स्टूडेंट के अकाउंट में कितने पैसे मौजूद हैं।

यूपीआई पिन की पहचान कर लेता था
वहीं इसके बाद ठग स्टूडेंट्स को फॉर्म भरने का बहाना बनाकर उनके मोबाइल से ट्रांजैक्शन से जुड़ी सारी जानकारी ले लेता था और वीडियो से उनके यूपीआई पिन को पहचान कर लेता था। वहीं इस तरह ठग स्टूडेंट्स के मोबाइल से ही उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लेता था। आरोपी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसने ठगी की इस पूरी प्रोसेस को यूट्यूब पर वीडियो देखकर सीखा है।
नौकरियों के नाम पर कई स्टूडेंट्स के साथ ठगी
जानकारी के मुताबिक आरोपी शुभम ने सिक्युरिटी गार्ड, माली और कई प्रकार की छोटी-मोटी नौकरियों के नाम पर कई स्टूडेंट्स के साथ ठगी की है। उसके मोबाइल से एक व्हाट्सएप ग्रुप भी मिला है जिसमें करीब 250 लोग शामिल थे। इस ग्रुप में शुभम ने नौकरी से संबंधित पोस्ट डालता था और लिखता था कि जिसे भी नौकरी चाहिए वह उससे संपर्क कर सकता है।
दरअसल शुभम का मकसद ऐसे लोगों को निशाना बनाना था जो ज़्यादा पढ़े-लिखे न हों ताकि उन्हें आसानी से ठगा जा सके। हालांकि अब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उससे आगे की पूछताछ की जा रही है।