टीआई साहब नहीं है कहकर बिना FIR किए महिला तहसीलदार को टरकाया, यह है मामला

Kashish Trivedi
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विदिशा, डेस्क रिपोर्ट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (hivraj singh chauhan) और गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra) लगातार मध्यप्रदेश में चिटफंडयों (chitfund) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। लेकिन कुछ जगह पर शायद पुलिस प्रशासन सीएम शिवराज की बात को गंभीरता से नहीं ले रहा है। ऐसा ही एक मामला विदिशा जिले में सामने आया है जहां तहसीलदार सरोज अग्निवंशी के पास सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के खिलाफ कई लोगों ने शिकायत की कि कंपनी उनका पैसा परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद भी वापस नहीं कर रही है और लगातार उनको टरकाया जा रहा है।

इस शिकायत के मिलने के बाद में खुद तहसीलदार सरोज अग्निवंशी आवेदको लेकर सिविल लाइन थाने सहारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के खिलाफ मामला दर्ज कराने पहुंची लेकिन स्टाफ ने यह कहकर एफआईआर करने से मना कर दिया कि टीआई साहब अभी थाने में नहीं है ।दरअसल टीआई कमलेश सोनी उस समय कहीं बाहर गए हुए थे और इस वजह से स्टाफ ने एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया।

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हालांकि इस तरह का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है कि टीआई की अनुपस्थिति में एफ आई आर दर्ज नहीं की जाएगी और वह भी एक राजपत्रित महिला अधिकारी के कहने पर काफी देर तक सरोज अग्निवंशी टीआई का इंतजार करती रही लेकिन टीआई नहीं आए और उसके बाद तहसीलदार आवेदकों से एफ आई आर दर्ज कराने की कहकर वापस लौट गई।

हालांकि इस मामले में पुलिस का कहना है कि पहले से ही सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के ब्रांच मैनेजर और स्टेट हेड के खिलाफ धारा 420 409 में प्रकरण दर्ज हो चुका है और तहसीलदार द्वारा लाए गए नए आवेदकों को भी इसी में शामिल कर लिया जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि जब एक महिला तहसीलदार को रिपोर्ट दर्ज कराने घंटों इंतजार करना पड़ता है तो फिर आम आदमी की बिसात ही क्या।


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