जबलपुर, संदीप कुमार। मध्यप्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हर गरीब के पास खुद का एक घर होने का सपना दिखाया था। चंद सालो में ही गरीबों के अपने घर की योजना ने दम तोड़ दिया। इस योजना का मध्यप्रदेश में इतना बुरा हाल हुआ कि दो साल बीत जाने के बाद भी हितग्राही खुले आसमान में रहने को मजबूर है। इधर जनता के बीच लगातार प्रधानमंत्री आवास योजना की हकीकत को देखते हुए सत्तारूढ़ बीजेपी के विधायक सहित पूर्व वित्त मंत्री ने विधानसभा में इस योजना को लेकर सवाल खड़े कर दिए। बात करे अगर मध्यप्रदेश की संस्करधानी जबलपुर के शहरी इलाकों की तो करीब सात हजार हितग्राही योजना की। दूसरी क़िस्त सालो बीत जाने के बाद भी नही मिली ऐसे मे ये हितग्राही अधूरे बने मकान में रहने को मजबूर है।
सबका होगा अपना घर
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने 2014 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत खुद का घर होने का सपना प्रदेश की जनता को दिखाया था। शुरुआती दौर में तो यह योजना कुछ हद तक सफल हुई पर समय बीतने के बाद योजना ने दम तोड़ना शुरू कर दिया। आलम यह हुआ कि अच्छे खासे मकान को हितग्राहियों ने सरकार की योजना के तहत तोड़ दिया। बाद में ये नतीजा हुआ कि सरकार की तरफ से सिर्फ एक क़िस्त मिलने के बाद दूसरी किस्त की राशि आना बंद हो गई।
ऐसे में सरकार की तरफ से मिली पहली किस्त की राशि से हितग्राही ने अपने घर में दीवार तो खड़ी कर ली पर उसके ऊपर छत नहीं डाल पाई। यही हाल सावित्री बर्मन का है जिसने सरकार की बात मानकर अपने कच्चे मकान को तोड़ दिया। अब राशि न मिल पाने के कारण परिवार के साथ अधूरे मकान में रहने को मजबूर है।
रम्मू सेन की हालत तो और भी खराब
जबलपुर के मानेगांव में रहने वाले रम्मू सेन का खुद का मकान था। कच्चा था पर अपना था। उसे भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान के लिए सरकार ने राशि देना का भरोसा दिलवाया। रम्मू ने अपने कच्चे मकान को तोड़ दिया साल भर बाद भी उसकी दूसरी क़िस्त नही आई। रंम्मू सेन आज किराए के मकान में अपने परिवार के साथ रहने को मजबूर है। आज रंम्मू सेन सरकार की योजना के सामने अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है।
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सत्तारूढ़ विधायक ने विधानसभा में उठाया मुद्दा-पूर्व वित्त मंत्री ने दिया साथ
जबलपुर के केंट से बीजेपी विधायक अशोक रोहाणी ने विधानसभा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जब ये मामला उठाया। तब सरकार की तरफ से भरोसा दिलवाया गया कि जल्द से जल्द दूसरी और तीसरी क़िस्त दी जाएगी। भाजपा विधायक ने प्रधानमंत्री आवास योजना में हुई देरी को लेकर 15 माह की कमलनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। जबलपुर के शहरी क्षेत्र में 12 हजार चयनित हितग्राहियों में से सात हजार को अभी तक दूसरी क़िस्त नही मिली है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शिवराज सरकार ने प्रदेश की हर जनता को एक सपना दिखाया था कि उनका एक अपना घर होगा। इस योजना को लेकर जनता ने अपने कच्चे मकान को छोड़कर पक्का मकान बनवाने की हामी भी भर दी। इस योजना में सरकार के द्वारा जो आश्वासन जनता को दिया था वह पूरी तरह से अधूरा ही रह गया ऐसे में आज सरकार की योजना के सामने जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है। बहरहाल अब देखना होगा कि सरकार के द्वारा दिया गया आश्वासन क्या पूरा होता है या नहीं।