भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कृषि कानूनों (Agricultural laws) की वापसी की मांग को लेकर दो महीने से अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर सियासत ज्यादा गरमा गई है। राजनैतिक दलों को अपने मंच पर स्थान नहीं देने के बावजूद विपक्षी दल किसान नेताओं, खासकर राकेश टिकैत से मिलने जा रहे हैं और जो नहीं जा पा रहे वे ट्वीट (tweet) या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पीएम मोदी और उनकी सरकार पर हमला कर रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आज एक ट्वीट (Tweet) कर राजनीति को नई दिशा दे दी। उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम का जिक्र किये बिना लिखा कि सभी तानाशाहों के नाम M से क्यों होते हैं ? उन्होंने सात तानाशाहों के नाम लिखते हुए इशारों में मोदी को भी तानाशाह कहा।
अब जब कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi)ने ट्वीट (Tweet)कर दिया तो पार्टी के बाकी नेता कहाँ चुप रहने वाले थे। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamalnath) ने भी राहुल के पदचिन्हों पर चलते हुए प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) का नाम लिए बिना उनकी तुलना जनरल डायर से कर दी।
कमलनाथ (Kamalnath) ने ट्वीट (Tweet) करते हुए लिखा -किसानों पर जुल्म करने वालों को याद रखना चाहिए कि 102 साल पहले इसी पंजाब और हरियाणा में जनरल डायर ने किसानों पर जुल्म ढाए थे। उनके सारे संचार माध्यम काट दिए थे और उनसे मिलने जा रहे महात्मा गांधी को पलवल में हिरासत में ले लिया था। इसके बाद चिंगारी राष्ट्रीय आंदोलन में बदल गई और असहयोग का बड़ा भारी आंदोलन हुआ। जो किसान दुनिया के सबसे बड़े साम्राज्य को गिरा सकते हैं, वह आज की तानाशाही को भी तिनके की तरह उड़ा देंगे।
इसके बाद चिंगारी राष्ट्रीय आंदोलन में बदल गई और असहयोग का बड़ा भारी आंदोलन हुआ।
जो किसान दुनिया के सबसे बड़े साम्राज्य को गिरा सकते हैं, वह आज की तानाशाही को भी तिनके की तरह उड़ा देंगे।— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) February 3, 2021
कुल मिलाकर किसान आंदोलन कर रहे संगठन बार बार कह रहे हैं कि ये आंदोलन उनका है राजनेताओं और राजनैतिक दलों से उनका कोई लेना देना नहीं है बावजूद इसके विपक्षी दल के नेता किसान आंदोलन के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को घेरने या उसपर निशाना साधने में कोई कसार नहीं छोड़ रहे।