भोपाल, डेस्क रिपोर्ट मध्य प्रदेश (madhya pradesh) की सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (former cm kamalnath) की एक बार फिर से मध्य प्रदेश से दिल्ली (delhi) वापस लौटने की चर्चा तेज हो गई है। इसके बाद अटकलों के बाजार को खारिज करते हुए कमलनाथ ने कहा है कि मध्य प्रदेश को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे और ना ही संन्यास की घोषणा करेंगे।
दरअसल एक प्रमुख मीडिया संस्थान से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश से नहीं हिलेंगे और ना ही राजनीति से संन्यास लेंगे। इसके साथ ही कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश में उनके लिए संघर्ष का समय है। सबको संघर्ष में लगे रहना है। वहीं दिल्ली जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह मध्यप्रदेश को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर बोले कमलनाथ
अपनी दोहरी जिम्मेदारी पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालेंगे या नेता प्रतिपक्ष का यह फैसला हाईकमान करेगा। कमलनाथ ने कहा कि उन्हें किसी भी पद की लालसा नहीं है। वहीँ अध्यक्ष पद के चुनाव पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए आवेदन तक नहीं दिया था। हाईकमान से निर्देश जारी किए गए कि कमलनाथ की जिम्मेदारी उठानी होगी और मैंने वह जिम्मेदारी उठाई। वही नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने विधायकों से कहा है कि आपसी सहमति से वह जिसे भी चाहे नेता प्रतिपक्ष चुन सकते हैं।
Read More: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधायकों से की वन टू वन चर्चा, दिए ये निर्देश
वहीं विधानसभा क्षेत्र के स्थगित होने पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस को जिम्मेदारी लेने की बात कही जा रही थी। कॉन्ग्रेस कोरोना (corona) की जिम्मेदारी कैसे ले सकती है क्योंकि ना तो सदन में कांग्रेस की सरकार है और ना ही अध्यक्ष। सदन की जिम्मेदारी अध्यक्ष और सरकार की होती है। जब वह जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं तो हम यह जिम्मेदारी कैसे ले सकते हैं। इसलिए शीतकालीन सत्र को स्थगित करना पड़ा। जिससे जाहिर होता है कि बीजेपी सरकार की शीतकालीन सत्र चलाने की मंशा नहीं थी।
नगरीय निकाय चुनाव पर ये बोले कमलनाथ
वही नगरीय निकाय चुनाव पर बोलते हुए कमलनाथ ने बताया कि उपचुनाव की तरह नगरीय निकाय चुनाव में भी सर्वे करवाए जाएंगे लेकिन सिर्फ सर्वे से काम नहीं होता है। वहीं कमलनाथ ने कहा कि हम पहले भी कह चुके हैं कि सर्वसम्मति से नगरीय निकाय चुनाव के प्रत्याशियों का चयन किया जाएगा और उनकी जीत सुनिश्चित की जाएगी।
बता दें कि मध्य प्रदेश में सीधे बजट सत्र आयोजित किया जाएगा। कांग्रेस को सदन में इसी वक़्त नया नेता मिल सकता है। इसके लिए कांग्रेस हाईकमान जल्द निर्णय ले सकती है है। सूत्रों की माने तो कमलनाथ नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ना चाहते हैं जबकि पीसीसी चीफ की जमीदारी उनके पास ही रहेगी अब ऐसे में हाईकमान नेता प्रतिपक्ष पद के लिए कांग्रेस के आधा दर्जन से अधिक वरिष्ठ विधायकों में से किसके नाम का चयन करती है यह देखना दिलचस्प है।