भोपाल।
आगामी निकाय और उपचुनाव को देखते हुए प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने आदिवासियों को साधना शुरु कर दिया है।एक के बाद आदिवासियों को ध्यान में रख फैसले लिए जा रहे है। हाल ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने डिंडौरी में दौरा भी किया था और कई सौगात दी थी। अब कमलनाथ सरकार ने पर्यटन विभाग के होटलों के मेन्यू में शामिल कोदो-कुटकी के व्यंजन शामिल करने का फैसला लिया है।इसके पीछे सरकार का उद्देश्य आदिवासियों को आत्मनिर्भर बनाने और कम पानी वाली फसलों को प्रोत्साहित करना है।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कोदो-कुटकी के उत्पादन को दोगुना करने और इसके उपार्जन के साथ ही उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग के होटलों में कोदो-कुटकी से बने व्यंजनों को मेन्यू में शामिल करने तथा उनके बिक्री केन्द्र भी अनिवार्य रूप से स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। नाथ ने कहा कि कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा एवं मक्का ऐसी फसलें हैं, जो ज्यादातर आदिवासी इलाकों में होती हैं और जिसका जरूरत के मुताबिक आदिवासी उत्पादन करते हैं। कोदो-कुटकी के उपार्जन की भी नीति बनाई जाए।
मुख्यमंत्री ने मिलेट मिशन के अंतर्गत आने वाली कोदो-कुटकी फसल के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के साथ ही किसानों को इसके लिए प्रेरित करने को कहा। यह एक ऐसी प्रीमियम फसल है, जो स्वास्थ्यवर्धक है। इस कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी माँग है।निजी क्षेत्र के सहयोग से कोदो-कुटकी के बुवाई क्षेत्र में डेढ़ गुना विस्तार करने के साथ ही आदिवासी किसान 50 प्रतिशत तक इन फसलों की बुवाई करें। इसके लिये कृषि और ग्रामीण विकास विभाग निजी क्षेत्रों के सहयोग से सुनियोजित रणनीति तैयार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन फसलों की जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इससे हम किसानों की आय में 20 से 25 प्रतिशत का इजाफा कर सकेंगे।