मध्यप्रदेश में कांग्रेस की डामाडोल स्थिति के बीच अब पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ(Former Chief Minister and PCC Chief Kamal Nath) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखा है। इस पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मोदी सरकार से लोकतांत्रिक मूल्यों(Democratic values) को जिंदा रखने की बात कही है। कमलनाथ ने अपने लिखे पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि किसी भी पार्टी को छोड़कर अन्य पार्टी में गए अवसरवादी नेताओं को सरकार या दल में जगह नहीं मिलनी चाहिए।
दरअसल प्रदेश में 27 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव(Assembly by-election) होने हैं। वहीं कांग्रेस विधायक(congress MLA) लगातार पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी की तरफ रुख कर रहे हैं। जिसके लिए कांग्रेस(congress) लगातार बीजेपी(bjp) को निशाना बनाते रही है। गुरुवार को अपने लिखे पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि मध्य प्रदेश में जब पूरा समाज कोरोना जैसी भयावह महामारी से लड़ रहा था तब भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रदेश के कई मंत्रियों और विधायकों को सरकार गिराने के लिए बेंगलुरु में लेकर बैठे थे। जो कि प्रजातांत्रिक मूल्यों से सौदा करने जैसा है। वहीं प्रदेश में लगातार संक्रमण के नए मामले अपने भयावह स्थिति में पहुंच गए हैं किंतु मध्यप्रदेश में विपक्ष की सरकार गिरने के बाद भी कांग्रेस के विधायकों को हर दिन नए-नए प्रलोभन देकर पार्टी से इस्तीफा कराया जा रहा है और इसके बाद उन्हें भाजपा में शामिल किया जा रहा है। जो कि पूर्णतः निंदनीय है। कमलनाथ ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में यह भी कहा है कि प्रदेश में इस कोरोना संकटकाल के समय भी उपचुनाव का बोझ डाला जा रहा है। इसके साथ ही कमलनाथ ने पत्र में लिखा है कि जिन राज्यों में विपक्ष की सरकारें हैं भाजपा लगातार वहां अनैतिक तरीके से सरकार गिराने की कोशिश में लगी हुई है।
कमलनाथ ने अपने पत्र में लिखा है कि वर्षो के अथक प्रयास के बाद सब ने मिलकर भारत को विश्व के सबसे परिपक्व प्रजातंत्र के रूप में स्थित किया है। जहां संविधान का सबसे खूबसूरत पहले इसका संघीय स्वरूप है।जबकि पिछले कुछ समय से संविधान की भावनाओं को आहत करते हुए लगातार भारत की संघीय व्यवस्था पर निरंतर प्रहार किया जा रहा है। वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रजातंत्र की रक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है।उन्होंने कहा है कि किसी भी पार्टी से कटने वाले अवसरवादी नेताओं को भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार और दल में कोई स्थान ना देकर लोकतांत्रिक निष्पक्षता, पारदर्शिता और परिपक्वता को बरकरार रखने में मदद करें।
बता दें कि कांग्रेस लगातार अपनी ही पार्टी के अंतर्कलह से परेशान है। पिछले 12 दिनों में कांग्रेस के तीन विधायक विधायकी इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। वहीं से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित 22 विधायकों ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया था। जिसके बाद पुलिस में कमलनाथ की सत्ता गिर गई थी। ऐसे में आगामी उपचुनाव को लेकर जहां प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति बेहद गंभीर है। इधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से काफी असंतुष्ट लग रहे हैं। जहां उनका आरोप है कि उनकी क्षमता अनुसार उन्हें जिम्मेदारी नहीं सौंपी जा रही है। जिसके कारण कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। वही पार्टी से लगातार टूट रहे नेताओं की एकजुटता के लिए अब कमलनाथ उप चुनाव से पहले कौन सी रणनीति अपनाते हैं यह देखना दिलचस्प है।