कांग्रेस के विधानसभा घेराव को लेकर कृषि मंत्री कमल पटेल का पलटवार, कही ये बड़ी बात

Gaurav Sharma
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भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। कृषि बिल (Agriculture Bill) को लेकर किसान (Farmers) और केंद्र सरकार (Central Government) के बीच घमासान अभी भी जारी है। किसान चाहते है कि बिल वापस लिया जाए, वहीं सरकार संशोधन करने को तैयार है पर बिल वापस लेने के लिए नहीं। किसानों की मांगों (Demands of Farmers) को जायस बताते हुए कांग्रेस भी पूरी तरह से किसानों के समर्थन (Farmers Support) में उतर आई है।

किसानों को भोपाल बुलाएगी कांग्रेस

किसानों के समर्थन के लिए कांग्रेस 28 दिसंबर को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के किसानों को भोपाल (Bhopal) बुलाने की तैयारी कर रही है। इस प्रदेशव्यापी आंदोलन (Statewide Protest) में कांग्रेस विधायक ट्रैक्टर (tractors) पर सवार होकर शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधानसभा पहुंचेंगे। बता दे कि अरुण यादव के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार का घेराव करेगी।

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कृषि मंत्री कमल पटेल का पलटवार

वहीं कांग्रेस द्वारा किए जा रहे इस आंदोलन को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल ने पलटवार करते हुए कहा कि चार्टर पर बैठने वाले अब ट्रैक्टर पर बैठेंगे। कमल पटेल ने आगे कहा कि अगर कांग्रेस पहले ही किसानों के बीच चली जाती तो आज यह हाल नहीं होता। कमल पटेल ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस कभी किसानों का दर्द नहीं समझ सकती है, वह तो सिर्फ इसके जरिए अपनी राजनीति चमकाना चाहती हैं।

28 दिंसबर को शुरु होगा शीतकालीन विधानसभा सत्र 

बता दे कि कृषि बिल के खिलाफ 28 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन विधानसभा सत्र में कांग्रेस ट्रैक्टर से विधानसभा का घेराव करेगी। इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा पहुंचेंगे। यह प्रदर्शन कांग्रेस द्वारा किसान आंदोलन के समर्थन में किया जा रहा है। 28 दिसंबर को कांग्रेस का स्थापना दिवस है। कांग्रेस अपने स्थापना दिवस को देशभर के किसानों के नाम समर्पित कर रही है। वहीं कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के कोने-कोने से किसानों को ट्रैक्टर के साथ भोपाल बुलाया है।

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कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने

गौरतलब है कि भले ही मध्यप्रदेश में किसान बिल को वापस लेने के लिए चल रहे आंदोलन की आहट ना देखने को मिले लेकिन इस बिल को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने है। एक तरफ कांग्रेस किसान द्वारा किए जा रहे हैं आंदोलन का समर्थन कर रही है और कृषि कानून को काला कानून बता रही है। वहीं बीजेपी का कहना है कि यह बिल किसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह देश के किसानों को शश्क्त बनाएगा। 8 दिसंबर को हुए भारत बंद का भी कांग्रेस द्वारा समर्थन किया गया था और आगामी 28 दिसंबर को भी कांग्रेस ने सरकार को घेरने की रणनीति बना दी है


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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