CM शिवराज पर बरसे कमलनाथ, कहा- शिवराज सरकार में भांजियाँ कही भी सुरक्षित नहीं ?

Gaurav Sharma
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भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) के बहुचर्चित प्यारे मियां यौन शोषण (Pyare Miyan Case) केस में बुधवार रात पीड़िता की मौत हो गई थी, जिसके बाद पुलिस पीड़िता का शव उसके घर ना ले जाकर सीधे हमीदिया से भदभदा श्मशान घाट ले गई और परिवार को बुलाकर जबरदस्ती उसका अंतिम संस्कार करा दिया गया। इस मामले की जानकारी मिलते ही प्रदेश में सियासत गरमा गई है।

शिवराज सरकार आ सवालों के घेरे में

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj Government) सवालों के घेरे में आ गई । जहां एक ओर शुक्रवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) द्वारा उच्च स्तरीय बैठक में कहा गया कि भोपाल में बेटी को हम बचा नहीं पाए, यह साधारण घटना नहीं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसमें जो भी दोषी होगा उस पर तुरंत कार्रवाई (Action) की जाएगी। वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने शिवराज सरकार को पूरी तरह से घेर लिया है। साथ ही भोपाल में हुई इस घटनाक्रम को एमपी में हाथरस कांड करार दिया गया है।

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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हाथरस जैसी अमानवीयता कितनी बार दोहरायी जाएगी? भाजपा सरकार महिला सुरक्षा में तो फ़ेल है ही, पीड़िताओं और उनके परिवार से मानवीय व्यवहार करने में असमर्थ भी है।

शिवराज सरकार में भांजियाँ कही भी सुरक्षित नहीं ?

वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला है। कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि बेहद निंदनीय , बेहद शर्मनाक …. शिवराज सरकार में भांजियाँ कही भी सुरक्षित नहीं ? प्रदेश की राजधानी में यौन शोषण की शिकार मासूम बच्चियाँ बालिका गृह में भी सुरक्षित नहीं ? कितनी अमानवीयता , मृत पीडिता को उसके घर तक नहीं जाने दिया , उससे अपराधियों जैसा व्यवहार ?

परिवार को अंतिम रीति- रिवाजों से भी किया गया वंचित 

पूर्व सीएम अपने अगले ट्वीट में लिखते है कि उसके परिवार को अंतिम रीति- रिवाजों से भी वंचित किया गया , यह कैसी निष्ठुर व्यवस्था ? कहाँ है ज़िम्मेदार ? प्रदेश को कितना शर्मशार करेंगे ? मामला बेहद गंभीर, मामले की सीबीआई जाँच हो, बाक़ी बालिकाओं को भी पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जावे..। आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कमलनाथ ने ट्वीट किया कि उनके इलाज की भी समुचित व्यवस्था हो। दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो।

 

पीड़िता की मां ने लगाए आरोप 

बता दें कि पीड़िता की मां ने आरोप लगाया है कि वह घर पर अपनी बेटी के शव की राह ताक रही थी, पर पुलिस ने परिजनों को भदभदा शमशान घाट आनन-फनन में बुलाकर उसका अंतिम संस्कार करवा दिया। इस घटना क्रम के बाद भोपाल पुलिस प्रशासन पर कई सवाल उठ रहे है। वहीं परिजन द्वारा सरकार से लगातार उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की जा रही है।

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इधर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने मीडिया से चर्चा करते वक्त इस घटना क्रम पर बयान देते हुए कहा कि भोपाल के डीआईजी पीड़िता परिवार के संपर्क में लगातार थे। बावजूद इसके मीडिया द्वारा इस मामले को संज्ञान में लाया गया है। मैं एक बार फिर सीएम शिवराज से निवेदन करूंगा की इस मामले की फिर से पूरी जांच की जाए।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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