अक्षय कुमार की फिल्म LaxmmiBomb का नाम बदला, जानिए क्या है नया टाइटल

Gaurav Sharma
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मुंबई, डेस्क रिपोर्ट। अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म लक्ष्मी बम (LaxmmiBomb)का नाम बदल कर लक्ष्मी हो गया है। मैकर्स ने ये फैसला उन रिपोर्टों के सामने आने के बाद लिया है जिनमें निर्माताओं को श्री राजपूत करणी सेना से कानूनी नोटिस मिला था। फिल्म का अब नया टाइटल लक्ष्मी बताया जा रहा है। राघव लॉरेंस द्वारा निर्देशित ये फिल्म, 9 नवंबर को डिज्नी + हॉटस्टार पर रिलीज होगी। इसमें कियारा आडवाणी अक्षय के साथ स्क्रीन शेयर करती नजर आएंगी।

फिल्म क्रिटिक तरण आदर्श ने ट्विटर के जरिए टाइल में आए बवदलाव को लेकर जानकारी देते हुए लिखा कि “NEW DEVELOPMENT … #LaxmmiBomb शीर्षक बदल गया है … अब नया शीर्षक: #Laxmii .. है। फिल्म का  प्रीमियर #DisneyPotHotstarVIP पर 9 नवंबर 2020 को होगा… सितारे #AkshayKumar और # कीराअदवानी (एसआईसी)। ”

 

बताया जा रहा है कि श्री राजपूत करणी सेना की ओर से फिल्म के निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेजा गया था, जिसमें फिल्म का शीर्षक देवी लक्ष्मी के प्रति अपमानजनक माना गया था। फिल्म का नाम लक्ष्मी बम होने से हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची थी। नोटिस में मांग की गई थी कि फिल्म के शीर्षक में बदलाव किया जाए। साथ ही कहा गया कि वर्तमान में समाज को एक गलत संदेश जाता है।

वहीं अपने रोल के बारे में बताते हुए अक्षय कुमार ने कुछ दिन पहले मनीष पॉल के साथ अपने इंटरव्यू का वीडियो साझा किया था जिसमें उन्होंने अपने रोल के बारे में बताते हुए कहा था कि यह मानसिक रूप से सबसे गहन चरित्र था जो उन्होंने अब तक नहीं निभाया था। उन्होंने यह भी कहा कि वह केवल फिल्म में निर्देशक की नकल कर रहे थे। अक्षय कुमार ने कहा, “मेरे करियर को 30 साल हो गए हैं। लक्ष्मी का किरदार सबसे ज्यादा मानसिक रूप से चैलेंजिंग था। लेकिन मैंने इसे मैनेज किया और मैं इसके लिए अपने निर्देशक, राघव लॉरेंस को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने मुझे बताया कि लक्ष्मी का चरित्र कैसे चलता है,  कैसे बातचीत करता और नृत्य  करता है। एक तरह से मैंने फिल्म में उनकी नकल की है। अगर फिल्म काम करती है, तो यह लॉरेंस की वजह से होगा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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