भोपाल।
कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद बीजेपी में हलचल बढ़ गई है।बीजेपी सरकार बनाने की कवायद में जुट गई है। इसके लिए शुक्रवार भोपाल से लेकर दिल्ली तक दिनभर बैठकों का दौर चलता रहा।आगे की रणनीति के लिए देर शाम को पूर्व सीएम शिवराज सिंह के घर विधायकों का डिनर भी होने वाला था, लेकिन कोरोना के चलते कैंसिल कर दिया। वही विधायक दल की बैठक को शनिवार की बजाय सोमवार को रखा गया है, रविवार को जनता कफ्यू के चलते सारी बैठकों पर रोक लगा दी गई है।
पहले माना जा रहा था कि शनिवार को भाजपा की बैठक बुलाकर विधायक दल का नेता चुन लिया जाएगा, लेकिन काेरोना वायरस के चलते बैठक सोमवार तक टाल दी गई। अब यह बैठक 23 मार्च को प्रस्तावित है।जिसमें प्रदेश की रणनीति और अगला मुख्यमंत्री कौन पर चर्चा की जाएगी।सुत्रों की माने तो बीजेपी कोई जल्दबाजी नही करना चाहती है, बीजेपी एक मास्टर प्लान के तहत प्रदेश में वापसी करना चाहती है, इसलिए बड़े धैर्य से काम ले रही है।वही कमलनाथ के इस्तीफे के बाद पार्टी मुख्यमंत्री पद के लिए किसके नाम का चुनाव करें इसके लिए पार्टी असमंजस की स्थिति में है और इसी को देखते हुए विधायक दल की बैठक से पूर्व अब पर्यवेक्षक की नियुक्ति होनी है इसमें दिल्ली से पर्यवेक्षक के रूप में धर्मेंद्र प्रधान व प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे भोपाल आ सकते हैं। 25 मार्च को नवरात्र की घट स्थापना के साथ ही भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है।
इधर देर रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के यहां दिग्गज नेताओं ने मप्र की कमान सौंपने पर विचार किया। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, धर्मेंद्र प्रधान, राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन शामिल थे। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मप्र की कमान सौंपने पर चर्चा हुई। उनके साथ विकल्प के रूप में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के नाम पर भी विचार किया गया। । वही प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से फोन पर बातें की। बताया जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में सरकार बनाने के साथ-साथ मुख्यमंत्री के नाम पर भी चर्चा होगी। माना जा रहा है कि शिवराज-तोमर में से ही एक नाम को पार्टी आलाकमान प्राथमिकता दे सकती है। नरोत्तम को सरकार में पावरफुल दर्जा मिलेगा।