कांग्रेस में होगी बड़ी सर्जरी, नया फार्मूला दिल्ली भेजा, बड़े चेहरों का भविष्य भी होगा तय

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  उपचुनावों में मिली करारी शिकस्त के बाद अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) सख्ती के मूड में हैं।  वे अब संगठन में आमूल चूल परिवर्तन करने का मन बना चुके है।  पार्टी अब नगरीय निकाय चुनावों (Urban body elections) पर नजर जमाये हुए है।  माना जा रहा है कि चुनाव परिणामों  के बाद कांग्रेस संगठन में बड़ा फेर बदल करेगी।  सूत्रों की बात पर भरोसा करें  तो पार्टी ने एक नया फार्मूला तैयार किया है जिसके आधार है  “जो काम करेगा वही टिकेगा” बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस ने ये फार्मूला दिल्ली भेजा है। इस फार्मूले के आधार पर पार्टी क्षत्रपों का भी आंकलन करेगी।

मध्यप्रदेश कांग्रेस (MP Congress)अब अपने संगठन को मजबूती देने की तरफ ध्यान दे रही है  है। इसके लिए पार्टी ने एक नया फार्मूला बनाया है जिसे  दिल्ली भेजा गया है। इसके  तहत जल्द ही प्रदेश की वर्तमान कार्यकारिणी को भंग कर दिया जाएगा। इसके बाद नई कार्यकारिणी का गठन होगा। इसमें नए और जमीनी चेहरों को ही तवज्जो मिलेगी। बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और कांग्रेस आलाकमान संगठन में बड़ा बदलाव करने पर सहमत हो गए हैं। कांग्रेस के भरोसेमंद सूत्रों की माने तो कांग्रेस अगले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अभी से  कार्यकारिणी बनाने में लगी है।

नगरीय निकाय चुनाव के बाद होगा गठन 

सूत्रों की माने तो प्रदेश कार्यकारिणी का गठन निकाय चुनाव के बाद होगा। माना जा रहा है कि इन चुनावों के जरिये बेहतर परिणाम देने वाले नेताओं  को परखा जाएगा। जो भी कार्यकर्ता या नेता अपने क्षेत्र  मे बेहतर परिणाम देगा पार्टी उसे संगठन में जगह देगी । इतना ही नहीं  पार्टी नगरीय निकाय चुनाव में क्षत्रपों की भूमिका का भी आकलन करेगी। इन चुनावों के जरिये बड़े नेताओं की भी परीक्षा होगी। ऐसे सभी बड़े नेता जो अपने इलाके में चुनाव जिताने में सफल नहीं  रहेंगे उनको भी संगठन से बाहर करने का मन पार्टी बना चुकी है। सूत्रों के मुताबिक इस फॉर्मूले पर कांग्रेस आलाकमान और प्रदेश नेतृत्व के बीच सहमति बन चुकी है।

कई क्षत्रपों को भी आखिरी मौका

प्रदेश कांग्रेस आपने नए  फॉर्मूले की मदद से  पार्टी  के लिए भविष्य के नए चेहरे खड़े करना चाहती है। निकाय चुनाव में जीत -हार से प्रदेश में कई बड़े क्षत्रपों का भी भविष्य तय होगा। पिछले  कुछ चुनावों के विश्लेषण के मुताबिक बरसों से संगठन में कई ऐसे चेहरे जमे हुए हैं, जिनके इलाकों में पार्टी कोई चुनाव नहीं जीत सकी और  वे खुद भी चुनाव हार चुके है। ऐसे नेताओं  के लिए  नगरीय  निकाय चुनाव एक आखिरी मौका होगा। यदि इस बार भी वे कुछ नहीं कर सके तो उनको बाहर का रास्ता दिखाकर पार्टी नए चेहरों को अवसर देगी।

ये है संगठन में बदलाव का नया फार्मूला

कांग्रेस संगठन ने जो नया फार्मूला तैयार किया है उसका आधार है “जो काम करेगा, उसे ही तवज्जो”. सूत्र बताते हैं कि नगरीय निकाय चुनाव में एक-एक वार्ड तक के कामों पर पार्टी नजर रखेगी। नगरीय निकाय चुनावों में जीत और हार से संगठन के चेहरों का नाम।  मसलन  जिस इलाके में पार्टी बड़े मतों से जीतेगी उस इलाके के प्रभारी और कार्यकर्ताओं को उनकी मेहनत का इनाम मिलेगा। जिन इलाकों में बड़े क्षत्रपों के रहते भी पार्टी चुनाव हार जायेगी, ऐसे क्षत्रपों को भी संगठन से बाहर किये जाएगा। बड़े नेताओं के नाम वाले इलाकों में जीत के पीछे जो कार्यकर्ता  सक्रिय रहेंगे, उनको पूरी तवज्जो मिलेगी। ख़ास बात ये है कि पार्टी अपनी इंटेलिजेंस के अलावा प्रत्येक इलाके से एक निजी कंपनी के जरिये फीडबैक लेने के फॉर्मूले पर भी विचार कर रही है। जिससे वास्तु स्थिति का सही पता  लगे जा सके।

बहरहाल पार्टी का ये नया फार्मूला उन बड़े नेताओं और  फैशनेबल नेताओं पर भारी पड़ सकता है जो मीडिया और  फोटो के ग्लेमर पर अधिक भरोसा करते हैं ,उनका जमीनी स्तर पर अधिक रुझान नहीं होता। अब ऐसे नेताओं का भविष्य खतरे में है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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