जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में लोक सेवा आयोग (public service Commission) की प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण हुए उम्मीदवारों को करारा झटका लगा है। जहां मध्यप्रदेश हाईकोर्ट(highcourt) ने प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम और भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। वहीं कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रखने का आदेश भी जारी किया है।
दरअसल मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पीएसी प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम और भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। इसके कारण है पीएससी के परीक्षा के परिणाम में आरक्षण प्रावधानों का उल्लंघन किया गया। डिवीजन बैंच ने राज्य शासन और पीएससी को 4 फरवरी तक जवाब देने का निर्देश दिया है।
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जहां अनारक्षित वर्ग को 40 फ़ीसदी, ओबीसी को 27, एससी को 16 प्रतिशत, एसटी को 20 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत सहित कुल 113% आरक्षण दिया गया है। याचिका में कहा गया था कि मेरिट में आने वाले आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को अनारक्षित श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है। वहीं पीएससी ने सिविल सेवा नियम 2015 में किए गए संशोधनों को प्रभाव से लागू कर दिया है।
बता दें कि स्पक्स और चेतन चौहान एवं अन्य ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका डालते हुए कहा था कि पीएसी की प्रारंभिक परीक्षा में परिणाम व आरक्षण प्रावधानों का पूर्ण रूप से उल्लंघन किया गया है। जिसकी वजह से अनारक्षित और ओबीसी भर के कट ऑफ मार्क्स एक जैसे हो गए हैं। वहीं शुक्रवार देर शाम हुई पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम और भर्ती प्रक्रिया पर सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।