भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) में 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं (10th and 12th board examinations) को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) ने परीक्षा केंद्रों के चयन के लिए गाइडलाइन (guidelines) जारी कर दिया। जिसके मुताबिक इस बार सरकारी और निजी स्कूलों के बजाय स्कूल में उपलब्ध संसाधनों एवं सुविधाओं के आधार पर केंद्रों का चयन किया जाएगा। इसके साथ ही 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र इस पर परीक्षा केंद्रों पर ऑनलाइन (online) भेजे जाएंगे। केंद्र पर ही प्रिंट निकाल कर विद्यार्थियों को प्रश्न पत्र वितरित किए जाएंगे।
दरअसल 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्यप्रदेश (MP Board) ने सभी जिला कलेक्टरों को गाइडलाइन जारी करते हुए परीक्षा केंद्र एवं परीक्षा प्रश्न पत्र को लेकर निर्देश जारी किए हैं। जिसके मुताबिक परीक्षा केंद्र के लिए ऐसे स्कूलों का चयन किया जाएगा। जिसके पास खुद के इंटरनेट, प्रिंटर, फोटो कॉपी मशीन उपलब्ध हो या उन्हें आसानी से मिल सके। जिसके कारण उन्हें इस कोरोना संक्रमण काल में बाहर न जाना पड़े। इसके लिए 25 नवंबर तक केंद्रों का चयन कर लिया जाएगा। जिसके बाद जिला योजना समिति से केंद्रों को फाइनल करा कर 30 नवंबर तक सभी जिलों को माध्यमिक शिक्षा मंडल को सूची उपलब्ध करानी होगी।
वहीं दूसरी तरफ का गाइडलाइन में कहा गया है कि परीक्षा केंद्र में शामिल स्कूल की दूरी ग्रामीण क्षेत्रों में 10 किलोमीटर और शहरी क्षेत्रों में 5 किलोमीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही साथ परीक्षा केंद्र में ढाई सौ विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो ऐसे स्कूल को केंद्र के लिए प्रस्तावित नहीं किया जाएगा। एक परीक्षा केंद्र पर तीन स्कूलों के विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा।
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दूसरी तरफ 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र इस पर परीक्षा केंद्रों पर ऑनलाइन भेजे जाएंगे। इसके बाद केंद्र पर ही प्रिंट निकाल कर विद्यार्थियों को प्रश्न पत्र वितरित किए जाएंगे। मंडल सचिव उमेश कुमार सिंह ने बताया कि इससे पेपर आउट होने की संभावना भी कम रहेगी। वही 2020-21 में होने वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा दो पारियों में संपन्न करवाई जाएगी। माध्यमिक शिक्षा मंडल सचिव ,उमेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रश्न पत्र का वितरण अब तक केंद्रों पर किया जाता था जिससे लाखों रुपए खर्च होते हैं। साथ ही साथ पेपर आउट होने की अफवाह फैल जाती है। जिसकी वजह से ये व्यवस्था की गई है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा की हर साल करीब 20 लाख से अधिक विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होते हैं। जिसके लिए प्रदेश में करीबन साढ़े तीन हजार से अधिक केंद्र बनाए जाते हैं। वहीं इस साल साढ़े उन्नीस लाख विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए थे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल लगातार संक्रमणरहित परीक्षा आयोजित करवाने के लिए प्रयासरत है।