भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार आज शुक्रवार चुनाव आयोग (Election Commission) ने ने बिहार चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है, लेकिन मप्र उपचुनावों को लेकर अब भी संशय बरकरार है। आयोग ने बताया कि बिहार चुनाव 3 चरणों में चुनाव होंगे। पहले फेज में 28 अक्टूबर को 71 सीटों पर चुनाव होंगे। इसमें 16 जिले, 31 हजार पोलिंग बूथ होंगे। दूसरे फेज में 3 नवंबर को 94 सीटों पर मतदान होगा। इसमें 17 जिले, 42 हजार पोलिंग बूथ होंगे। तीसरे फेज में 7 नवंबर को 78 सीटों पर वोटिंग होगी। इसमें 15 जिले, 33.5 हजार पोलिंग बूथ होंगे। वही 10 नवंबर को नतीजे आएंगे।
वही मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव के लिए तारीखों की घोषणा 29 सितंबर से पहले नहीं होगी। चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान करते वक्त कहा कि उपचुनावों को लेकर 29 सितंबर को मीटिंग की जाएगी। अब उपचुनावों के लिए 29 सितंबर को एक बैठक बुलाई गई है, माना जा रहा है कि इसी दिन आचार संहिता लागू हो सकती है और मप्र विधानसभा उपचुनाव (MP Assembly by-election) की तारीखों का ऐलान होने की पूरी संभावना है। चुंकी हाल ही में चुनाव आयोग ने संकेत दे दिए थे कि बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही मप्र में उपचुनाव कराए जाएंगे, ऐसे में मप्र के सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
चुनाव आयोग के प्रमुख सुनील अरोड़ा ने बताया कि जो लोग क्वारैंटाइन होंगे, उन्हें दिन के आखिरी घंटे में ही मतदान करने का मौका मिलेगा। नोडल स्वास्थ्य अफसर को भी जिले में नियुक्त किया जाएगा। मतदान के समय को एक घंटे बढ़ाया गया है। अब यह सुबह 7 बजे से 6 बजे तक चलेगा। नॉमिनेशन फॉर्म ऑनलाइन भरा जा सकेगा और इसका प्रिंटआउट आयोग तक पहुंचाना होगा। नामांकन भरने वाले के साथ सिर्फ दो ही लोग जा सकेंगे। दरवाजे पर प्रचार के लिए जाने वाले लोगों की संख्या 5 से ज्यादा नहीं होगी। 1 बूथ पर एक हजार वोटर्स वोट करेंगे। इसके लिए मतदान केंद्रों की संख्या में इजाफा किया गया है। 7 साल सैनेटाइगर और 40 लाख से अधिक मास्क का इंतजाम किया गया है। छह लाख फेस शिल्ड भी तैयार की गई है। सुबह 7 से बजे से शाम छह बजे तक वोटिंग होगी। नामांकन ऑनलाइन भरे जा सकते हैं। नामांकन में दो अधिक वाहन नहीं होंगे। पांच से ज्यादा लोगों के साथ घर घर प्रचार की अनुमति नहीं। चुनाव प्रचार के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी होगा। कोरोना मरीज आखिरी एक घंटे में वोट डाल पाएंगे।
दरअसल, बिहार में वर्तमान सरकार 30 नवंबर 2015 को बनी थी। जिसके चलते यहां की सरकार के कार्यकाल के ख़त्म होने (29 नवंबर) के पहले यहां विधानसभा चुनाव कराने है।बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होगा। 2015 में राजद और जदयू ने मिलकर चुनाव लड़ा था। जिसके कारण भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को हार का सामना करना पड़ा था। तब राजद, जदयू, कांग्रेस महागठबंधन ने 178 सीटों पर बंपर जीत हासिल की थी। राजद को 80, जदयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटें मिलीं थीं। जबकि एनडीए को 58 सीटें हीं मिली। हालांकि लालू यादव की पार्टी राजद के साथ खटपट होने के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ सरकार चलाना शुरू किया। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार एनडीए का चेहरा हैं।बिहार में पिक्षी पार्टियां कोरोना के चलते चुनाव टालने की मांग कर रही थी, लेकिन आयोग ने इस मांग को खारिज कर दिया। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म हो रहा है। वही मप्र में 28 सीटों पर उपचुनाव होना है, जिसमें से 25 सीटें विधायकों के इस्तीफे और 3 विधायकों के निधन से खाली हुई है। आगामी महिनों में त्यौहारों को देखते हुए आयोग सारी प्रक्रिया 10 नवंबर तक पूरी हो जाएगी । इसी के साथ 65 सीटों के उपचुनावों (मध्यप्रदेश सहित) के परिणाम घोषित करने की तैयारी है।
भाजपा-कांग्रेस के लिए साख बचाना चुनौती
इतिहास में यह पहला मौका है जब एमपी की 28 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे है।यह चुनाव मप्र का भविष्य़ तय करेंगे। 25 सीटे सिंधिया समर्थकों और पूर्व विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई है। वही तीन सीटे विधायकों के निधन के बाद खाली हुई है। इस बार का चुनाव दोनों ही दलों के लिए महत्वपूर्व माना जा रहा है, जहां भाजपा के लिए सरकार बचाना चुनौती है वही कांग्रेस के लिए कमबैक करना।वर्तमान में 230 सदस्यों वाली विधानसभा में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं है, BJP को पूर्ण बहुमत के लिए जहां 9 विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज करनी है, वहीं कांग्रेस को सभी 28 स्थानों पर जीत हासिल करनी होगी, तभी उसे पूर्ण बहुमत हासिल हो पाएगा।
एमपी में चुनाव आय़ोग की तैयारियां जोरों पर
मप्र प्रदेश में चुनाव आयोग की तैयारियां भी जोरों पर चल रही है।यहां भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया है। आयोग द्वारा 3 तरह के वोटर्स को यह सुविधा प्रदान की गई है, जिसमें 80 वर्ष से अधिक के वोटर्स, पीडब्ल्यूडी वोटर्स (पर्सन्स विथ डिसएबिलिटीज) एवं कोविड-19 से प्रभावित व्यक्ति तथा कोविड-19 के संदिग्ध व्यक्ति शामिल हैं।पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया के तहत अंतिम नामांकन से 5 दिन तक प्रत्येक आर.ओ. के पास फार्म 12-डी में आवेदन देने की सुविधा प्रदान की गई है, जिसमें मतदाता-सूची की भाग संख्या एवं क्रमांक, ईपिक नम्बर, मोबाइल नम्बर, निवास का पता/चाहे गये स्थान का पता देना अनिवार्य होगा। आवेदन को विधिवत भरकर आर.ओ. के पास जमा करना होगा। ऐसे व्यक्ति, जो कोविड-19 से संबंधित हैं, वह स्वास्थ्य विभाग का प्रमाण-पत्र संलग्न करेंगे। पोस्टल बैलेट से वोट देने की सुविधा स्वैच्छिक है। रिटर्निंग ऑफिसर प्रपत्र-1 में ऐसे समस्त आवेदनों को सूचिबद्ध कर तैयार करेंगे तथा प्रपत्र-2 में पात्रता का निर्धारण कर पोस्टल बैलेट जारी किये जाने वाले मतदाताओं की सूची तैयार करेंगे। ऐसे मतदाताओं से पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट प्राप्त करने हेतु एक टीम का गठन किया जायेगा, जिसमें मतदान अधिकारी की योग्यता के कर्मचारी सम्मिलित होंगे, जिनमें पुलिसकर्मी एवं वीडियोग्राफर अनिवार्य रूप से होंगे। यदि मतदाता किसी कारणवश प्रथम बार दर्शाए गये निवास पर अनुपस्थित पाया जाता है, तो टीम दोबारा उसके घर जायेगी एवं उससे पोस्टल बैलेट पर उसी सुचिता एवं गोपनीयता से बंद लिफाफे में मतपत्र प्राप्त करेगी तथा उसे बड़े लिफाफे में डालकर सीलबंद करेगी।
कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखा जाएगा
कोविड-19 के लिये जारी गाइडलाइन के अनुसार उप निर्वाचन की विभिन्न तैयारियों को समय-सीमा में पूर्ण किया जाये। उन्होंने निर्वाचक नामावली, मतदाता की सुरक्षा, मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्र पर मूलभूत सुविधाओं, निर्वाचक नामावली में छूटे हुए विशेषतौर पर 18-19 आयु वर्ग के मतदाताओं को निर्वाचक नामावली में शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रचार-प्रसार के लिए पूर्व से की जा रही तैयारियों, निर्वाचन से जुड़े विभिन्न अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षण, ईव्हीएम-व्हीव्हीपीएटी का विशेष रूप से हैण्ड्सऑन प्रशिक्षण, आदर्श आचरण संहिता को कड़ाई से लागू कराने संबंधित तैयारियाँ करने के लिये भी कहा गया। मतगणना स्थल, निर्वाचन व्यय निगरानी तंत्र को प्रभावशील बनाने, शारीरिक निःशक्तता वाले पंजीकृत निर्वाचक, कोविड-19 से प्रभावित तथा कोविड संदिग्ध निर्वाचक, 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता को पोस्टल बैलेट की सुविधा उपलब्ध करवाने और कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा आदि विषय पर संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों से चर्चा की और निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अद्यतन निर्देशों से भी सभी को अवगत कराया।