भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश(madhyapradesh) में उपचुनाव(by-election) से पूर्व शिवराज(shivraj) सरकार ने उद्यमियों को बड़ी राहत दी है। मध्य प्रदेश सरकार पुराने टैक्स विवादों को सुलझाने के लिए वन टाइम सेटेलमेंट योजना(One Time Settlement Plan) लेकर आई है। इस योजना का फायदा मध्यप्रदेश के करीबन डेढ़ लाख वेट डीलरों को मिलेगा। यह योजना मध्यप्रदेश में 26 दिसंबर तक लागू रहेगी।
दरअसल मध्य प्रदेश सरकार 2017 के पहले वेट एक्ट में चल रहे टैक्स विवादों को निपटाने के लिए वन टाइम सेटेलमेंट योजना लेकर आई है। वाणिज्यिक कर विभाग(Commercial tax department) द्वारा जारी आदेश के मुताबिक खरीदारों के पास 2017 में सीएसटी(CST) को लेकर कई जरूरी दस्तावेज एवं फॉर्म ना होने के कारण उन्हें 2% की जगह 14% तक टैक्स अदायगी करनी पड़ी थी। वही बकाया ना जमा करने के एवज में उन पर 10 परसेंट की पेनल्टी भी डाल दी गई थी। जिससे उद्यमियों में इस टैक्स को लेकर काफी विवाद की स्थिति ही गई थी। अब वन टाइम सेटेलमेंट योजना के तहत प्रदेश के करीबन डेढ़ लाख व्यापारियों को इसका लाभ मिलेगा। हालांकि बता दे कि वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जिन व्यापारियों पर कोर्ट में केस दर्ज है। उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
गौरतलब है कि कर्ज में फंसे कंपनियों को राहत देने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी। एकमुश्त बकाया वसूली 2009 में पेश की गई थी। इस पॉलिसी के अंतर्गत बकायेदारों को 15% की छूट दी जाती है या फिर उनसे सिर्फ मूलधन की अदायगी करवाई जाती है। ज्ञात हो कि प्रदेश में करीब 4000 करोड़ रुपए के बैठ विवाद चल रहे हैं। जिस मामले को सुलझाने के लिए एवं व्यापारियों को राहत देने के लिए सिर्फ सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। वहीं राज्य सरकार का अनुमान है कि इससे 100 करोड़ तक की राशि वसूली जा सकती है।