शादी में दूल्हा अपनी सोने की अंगूठी से दुल्हन की मांग में भरता है सिंदूर, जानें धार्मिक महत्व

सिंदूरदान के दौरान अपने यहां गौर किया होगा कि दूल्हा अपनी सोने की अंगूठी से दुल्हन की मांग में सिंदूर भरता है। इसके पीछे का महत्व आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

Sanjucta Pandit
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Marriage Rituals

Marriage Rituals : इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है। हर गली-मोहल्ले शहनाइयों से गूंज रहे हैं। देवउठनी एकादशी से ही शादी-विवाह का शुभ मुहूर्त शुरू हो चुका है। बेटियां डोली में बैठकर अपने पिता के घर से विदा होकर ससुराल चली जाती हैं। यह काफी भावुक समय होता है, जब जन्म देने वाले माता-पिता नम आंखों से अपनी बेटी को विदा करते हैं। ऐसे में आपने सिंदूरदान की रस्म के बारे में अवश्य सुना होगा। इसके बिना शादी अधूरी मानी जाती है, लेकिन सिंदूरदान के दौरान अपने यहां गौर किया होगा कि दूल्हा अपनी सोने की अंगूठी से दुल्हन की मांग में सिंदूर भरता है। इसके पीछे का महत्व आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

लड़की के घर में शादी संपन्न होने के बाद विदाई आखिरी रस्म होती है, जिसमें सभी लोगों की आंखें नम हो जाती है। जिसे जन्म दिया हो, पाल-पोस्कर बड़ा किया हो, उसे अब किसी और के हाथों सौंपना बहुत ज्यादा तकलीफदायक होता है, लेकिन यही दुनिया की रीत है, जिसे हर किसी को निभाना होता है।

धार्मिक महत्व

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, सिंदूर लाल रंग का होता है। इससे बुरी शक्तियों कोसो दूर रहती है। अंगूठी पत्नी के स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता की रक्षा करती है। हिंदू परंपरा में इस नियम को कई जन्मों से निभाया जा रहा है, इसलिए आज भी ट्रेडिशनल को फॉलो करते हैं। इसके अलावा, धार्मिक महत्व भी इसके संग जुड़ा हुआ है। लाल रंग सभी देवी देवताओं को प्रिय है। वहीं, सोने की अंगूठी भगवान विष्णु की प्रिया धातु में शामिल है। ऐसे में अंगूठी से दुल्हन की मांग भरी जाती है, क्योंकि वह साक्षात लक्ष्मी का रूप मानी जाती है। इससे घर में धन संपत्ति का आगमन होता है और उनका दांपत्य जीवन खुशहाली से बीतता है।

शादी का महत्व (Marriage Rituals)

हिंदू धर्म में शादी का बंधन बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान लड़का और लड़की एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाते हैं। दोनों मिलकर एक नए सफर की शुरुआत करते हैं। भारत में हर समुदाय के लोग शादी की रस्मों के साथ यह कार्यक्रम करते हैं। इस दौरान दो परिवार का भी मिलन होता है। शादी की डेट फाइनल होने के बाद घरों में तैयारियां शुरू होने लगती है। दूल्हा-दुल्हन भी तैयारियों में जुट जाते हैं। वहीं, शादी से पहले कुछ रस्में भी निभाई जाती हैं, जिनका काफी ज्यादा महत्व होता है। जिसकी शुरुआत माटी मटकोर से की जाती है। इसके बाद तरह-तरह के रस्में निभाई जाती है, इनमें से एक विदाई की रस्म भी शामिल है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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