भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में नए साल में बिजली उपभोक्ताओं (Electricity consumers) को बड़ा झटका लगने वाला है। एक तरफ जहां बिजली बिल (electricity bill) मंहगी होगी। वहीं दूसरी तरफ स्मार्ट मीटर (smart meter) लगाए जाने की वजह से उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिलेगी। हालांकि जहां आम उपभोक्ताओं को बिजली महंगी मिलेगी। वहीं किसानों को मिलने वाली सब्सिडी (subsidy) सीधे उनके खाते में पहुंचेगी। जिनका उनको लाभ मिलेगा।
दरअसल मध्य प्रदेश के पूर्ववर्ती क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नए साल में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसके लिए तैयारियां भी पूरी कर ली गई है जाए पहले चरण में 15000 स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। वही स्मार्ट मीटर 10 किलोवाट से ज्यादा लोड वाले उपभोक्ताओं के लगाया जाएगा। इसके बाद अन्य उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर मिलेंगे।
मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी ने प्रदेश के मध्य क्षेत्र और पश्चिमी क्षेत्र में साल 2019 से ही स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरू किया जा चुका है वहीं 2021 में मध्य प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। स्मार्ट मीटर जहां एक तरफ उपभोक्ताओं की रियल टाइम रीडिंग और डेटा का आकलन करेंगे। वहीं दूसरी तरफ यह आकलन बिजली कंपनी के ऑफिस से ही कर लिया जाएगा।
इधर वहीं उपभोक्ताओं को अपने घर पर लगे मीटर की रीडिंग के हिसाब से ही बिजली के बिल का भुगतान करना होगा। इससे एक तरफ उपभोक्ताओं को बड़ी राशि के बिलों से राहत मिलेगी। 15 जनवरी के बाद से जिले के किसी भी उपभोक्ता को आंकलित खपत के बिल नहीं दिए जाएंगे।
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हालांकि साल 2021 में किसानों को बिजली बिल में राहत मिलेगी। जावेद सब्सिडी की राशि किसानों के खाते में जनवरी माह से दिल्ली जाएगी। हालांकि बिजली सब्सिडी के लिए प्रदेश में पहले तीन जिलों को चुना गया है जिसमें झाबुआ, शिवनी और विदिशा शामिल है। इन जिलों के किसानों को बिजली सब्सिडी कि 90 फीसद राशि सीधे खाते में डाली जाएगी। हालांकि इसके लिए पहले किसानों को बिजली बिल की पूरी राशि जमा करनी होगी। इसके बाद राज्य शासन उनके खाते में पैसे डालेगी।
बता दें कि मध्य प्रदेश में नए टैरिफ के कारण बिजली की दरें 1.98% महंगी हो गई हैं। नई टैरिफ दरें 26 दिसंबर2020 से लागू हो चुकी है । नई दरों के मुताबिक अगर आप 50 यूनिट तक बिजली खर्च करते हैं तो पांच रुपये अतिरिक्त देने होंगे। वहीं 100 यूनिट पर 12 रुपए, 150 यूनिट पर 22.50 रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। वहीं कृषि कार्यों के लिए दी जाने वाली बिजली पर भी दरों को बढ़ाया गया है। जहाँ पहले 10 एचपी भार तक 700 रुपये सालाना देना होता था वहीं अब इसके लिए 750 रुपए सालाना देना होगा।