इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। इंदौर संवेदनशील शहर है कोरोना (Corona) के दौरान शहर ने मजदूरों की सेवा की है और इंदौर में रहने वाले बुजुर्गों की सेवा के लिये ये शहर सक्षम है। ये बात आज इंदौर सांसद शंकर लालवानी (Shankar Lalwani) ने कही।दरअसल, सांसद बजट सत्र के पहले दिल्ली में थे लेकिन इंदौर मानवीयता की हदें पार कर देने वाली घटना सामने आने के बाद आखिरकार सांसद को मोर्चा संभालना पड़ा। सांसद ने कांग्रेस (Congress) को नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस (Congress) इस मामले पर राजनीति न करे क्योंकि वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार के समय भिक्षुक पुनर्वसन योजना की केंद्र सरकार ने स्वीकृति दे दी थी लेकिन कांग्रेस (Congress) ने उस समय कोई एक्शन नहीं लिया था।
दरअसल, फ़िल्म स्टार सोनू सूद (Sonu Sood) की मदद की पेशकश और उसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा ओल्ड एज होम बनाये जाने को लेकर की गई बात बीजेपी सांसद को रास नहीं आई लिहाजा, उन्होंने इंदौर में ये बता दिया कि इंदौर हर स्थिति में सक्षम है, हालांकि सांसद शंकर लालवानी (Shankar Lalwani) ने निगमकर्मियों के कृत्यों पर अफसोस जताते हुए घटना को निंदनीय बताया और कहा कि दो कर्मचारियों पर प्रशासन और एक अधिकारी पर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई की है।
इसके साथ ही स्थानीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर पर इस मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा की जा रही राजनीति को सांसद ने गलत बताया और कहा कि शहर, देश के उन चुनिंदा 10 शहरों में शामिल है जहां भिक्षा वृत्ति से मुक्ति के लिए पुनर्वसन योजना लागू है। सांसद ने कहा कि कांग्रेस इस मामले पर राजनीति न करे क्योंकि वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार के समय भिक्षुक पुनर्वसन योजना को केंद्र सरकार ने स्वीकृति दे दी थी लेकिन कांग्रेस ने उस समय कोई एक्शन नहीं लिया था। उन्होंने बताया कि इंदौर के लिए 8.5 करोड़ रुपये की राशि शहर भिक्षुक पुनर्वसन बनाने के लिए स्वीकृत की गई है जिसमें से डेढ़ करोड रुपए की राशि निगम को मिल भी चुकी है। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं शहर में निगम को आदेशित कर एक सर्वे कराया था जिसमें हजार से ज्यादा भिक्षुकों की जानकारी सामने आई इसी के आधार पर हाल ही में सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shiavraj Singh Chauhan)को भिक्षुक पुनर्वसन से संबंधित प्रजेंटेशन देकर योजना को स्वीकृत करवा लिया है। इस योजना में बुजुर्गों को पुनर्वास के साथ युवाओं को रोजगार के प्रशिक्षण की बात भी शामिल है। बीजेपी सांसद ने ये भी कहा कि वो खुद भी वृद्धाश्रम संचालित करते हैं और उन्हें पता है कि इंदौर में रह रहे बेघर बुजुर्गों को कैसे सहायता पहुंचाकर उन्हें आश्रय दिया जा सकता है।
हालांकि सांसद शंकर लालवानी (Shankar Lalwani) की बातों को दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि शहर देश के उन शहरों की सूची में शामिल है जहां भिक्षावृत्ति पर रोक के लिए केंद्र की योजना लागू है। लेकिन सवाल अभी भी वो ही बने हुए है आखिरकार निगमकर्मियों को ऐसे आचरण के साथ कार्रवाई के निर्देश किस बड़े अधिकारी ने दिए थे और क्यों उस अधिकारी को जांच की आंच में बचाया जा रहा है। वहीं वीडियो में दिख रहे अन्य कर्मचारी कौन थे और उन पर कार्रवाई कब होगी। फिलहाल, कई सवाल इस दौर में पैदा होंगे लेकिन जांच इतनी लंबी चलेगी कि वो सवाल भी बुजुर्ग हो जाएंगे और उन्हें भी निगम किसी डंपर में भरकर शहर के समीप किसी नदी में प्रवाहित कर देगा। ऐसे में कोई सोनू सूद या कोई राजनीतिक दल की क्या मजाल कि वो शहर के हित में आकर सवाल उठाए या फिर मदद की पेशकश करे।