भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में किसान ऋण (Farmer loan) को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला किया है। दरअसल किसान एक ही भूमि पर दो बार बैंक से लोन (bank loan) नहीं ले सकेंगे। इसके लिए राजस्व विभाग (Revenue Department) ने सहकारिता विभाग (cooperative Department) को मॉडल तैयार करके दे दिया है। इसके साथ ही प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति से संबंधित जानकारी प्राप्त करेगी। इससे पहले सिर्फ खसरे की नकल लेकर किसानों को ऋण उपलब्ध कराया जाता था।
बता दे कि राजस्व विभाग में सहकारिता विभाग के मॉडल को बदल दिया है। इसके लिए अब सरकार अभियान चलाकर अल्प अवधि फसल ऋण के लिए खसरे के नंबर का उपयोग करेगी। इससे सभी बैंकों को किसान के बैंक लोन और उनसे जुड़े खसरे की जानकारी रहेगी। जिसका फायदा यह होगा कि किसान एक ही भूमि पर दो बार लोन नहीं ले सकेंगे।
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इस मामले में अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी का कहना है कि सहकारी समिति किसानों को अल्प अवधि के लिए ऋण उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके लिए किसानों से खसरे की नकल लेकर उन्हें पात्रता अनुसार ऋण उपलब्ध कराया जाता है। हालांकि किसानों द्वारा एक ही भूमि पर कई बैंकों से लोन लेने की जानकारी सामने आई है। जिसके बाद इस नियम को बदला गया है। अब किसानों के खसरे में बैंक लोन की इंट्री होगी।
मामले में विभाग द्वारा भुगतान से जुड़े मामले में यह बात सामने आई है। किसान एक ही भूमि पर एक से अधिक बार ऋण ले लेते हैं। ऐसे में बैंक सहित किसानों को वसूली है भुगतान के समय समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा सीएम हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत निराकरण में यह बात देखी गई है। एक बैंक से बीमा का भुगतान होने के बाद शिकायत दर्ज करते हैं। जबकि जानकारी छुपाकर उनके द्वारा दूसरे बैंक से उसी भूमि पर बीमा कराया जाता है।