भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में मासिक तौर पर अगर अब मीटर (meter) की रीडिंग नहीं की गई तो मीटर रीडर के साथ-साथ मैदानी अधिकारियों के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कहना है मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी (Madhya Pradesh Power Distribution Company) के प्रबंध संचालक विशेष गढ़पाले का। इसके साथ ही साथ प्रबंध संचालक ने मीटर रीडर को प्रत्येक उपभोक्ता की मीटर रीडिंग पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए है।
दरअसल मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी प्रबंध संचालक गढ़पाले का कहना है यदि रीडर की गलती के कारण उपभोक्ता को एकमुश्त बिजली बिल मिलती है और यदि इसकी शिकायत उन तक पहुंचती है तो संबंधित मीटर रीडर के साथ-साथ मैदानी अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी श्रेणी के खराब और जले हुए मीटर को तत्काल बदला जाए।
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प्रबंध संचालक गढ़पाले ने कहा कि मैदानी स्तर पर उपभोक्ताओं के मीटर टेस्टिंग और अन्य स्तर पर मीटर टेस्टिंग तकनीकी को नियमित अंतराल पर शुरू की जाए ताकि बिजली उपभोक्ताओं के साथ-साथ कंपनी को भी इसका फायदा हो। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बकाया बिजली बिल की वसूली प्रभावी ढंग से की जाए और वसूली में दिक्कत होने पर ड्यूज रिकवरी एक्ट (Dues Recovery Act) के तहत कुर्की की कार्रवाई की जाए।
प्रबंध संचालक ने कहा कि बड़े स्तर पर प्रदेश में बिजली की चोरी की घटना पर लगाम लगाने की जरूरत है। इसकी रोकथाम के लिए कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। अवैध कनेक्शनों पर कार्रवाई करते हुए और अनियोजित क्षेत्रों में विद्युत कनेक्शन पर रणनीतियां तय की जाए।
इसके अलावा प्रबंध संचालक विशेष गढ़पाले ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सब्सिडी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम (Direct Benefit Transfer Scheme) के आधार पर किया जाना है। इसके लिए सभी किसानों के आधार नंबर, मोबाइल नंबर बिलिंग सिस्टम में फिट किए जाए। इस कार्य को शत-प्रतिशत संपन्न किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सब्सिडी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम अभी फिलहाल विदिशा में संपन्न की गई है। मध्य प्रदेश के इस पायलट प्रोजेक्ट को पूरे जिले में लागू करने की योजना पर कार्य किया जाना चाहिए।